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दंपती की नृशंस हत्या हुई, किसी को भनक नहीं लगी

locationभोपालPublished: Apr 11, 2019 01:20:14 am

Submitted by:

Ram kailash napit

प्रियदर्शनी नगर पठान मोहल्ला में रिटायर्ड एएसआई के मकान में दिनदहाड़े दंपती की हत्या

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Murder

भोपाल. राजधानी के प्रियदर्शनी नगर पठान मोहल्ले में वन विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी डालचंद्र रजक (63) उसकी पत्नी बेटी बाई (58) की बुधवार शाम हत्या कर दी गई। दंपती की हत्या के मामले में एक बात पुलिस के गले नहीं उतर रही। हत्यारे ने दिनदहाड़े वारदात को अंजाम दिया, लेकिन चीखने-चिल्लाने की आवाज किसी को सुनाई नहीं दी। आरोपी ने हत्या के बाद सिलबट्टे को धोया, लेकिन उस पर खून के धब्बे रह गए। ऑपरेशन करने वाली ब्लेड को सिलाई मशीन में छिपाकर रख दिया। इधर, बैंक अकाउंट से रुपए गायब हैं, इससे पुलिस का शक किसी करीबी की तरफ है। एएसपी अखिल पटेल ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद यह भी खुलासा हो सकता है कि हत्यारे ने उनका पहले मुंह और गला दबाकर तो हत्या नहीं की। ऊपरी हिस्से में मकान मालिक रिटायर्ड एएसआई का बेटा रहता है।

मकान मालिक रिटायर्ड एएसआई टीआर चौरीवाल ने बताया कि डालचंद्र रजक का प्रियदर्शनी नगर में मंदिर के पास मकान बन रहा है। वह दो माह पहले उनके मकान में किराए से रहने आए थे। शाम 4 बजे टीआर चौरीवाल पत्नी के साथ न्यू मार्केट चले गए, शाम 5.30 बजे लौटे तो घर के बाहर भीड़ लगी थी। तब पता चला कि हत्या हो गई है।
50-50 हजार के दो चेक हो गए बाउंस : मकान में पीओपी का काम कर रहे ठेकेदार राकेश अहिरवार ने बताया कि दिनभर डालचंद्र मकान पर नहीं आए। कोलार निवासी सतीश ठेकेदार मकान का निर्माण कर रहा है। डालचंद्र ने उसे 50-50 हजार के दो चेक दिए, जो बाउंस हो गए। शाम साढ़े 5 बजे ठेकेदार और राकेश दोनों डालचंद्र के किराए वाले मकान पर पहुंचे, कई बार दरवाजा खटखटाया। कोई आहट नहीं मिली।

रिटायर्ड होने पर मिले थे 18 लाख रुपए
डालचंद्र पांच भाई हैं, वह मूलत: सागर जिले के मौठी के रहने वाले हैं। चार भाई सरकारी नौकरी में है, जबकि एक भाई सागर में रहकर प्राइवेट काम करते हैं। डालचंद्र दूसरे नंबर के थे। उनके दो बेटियां हैं, एक बेटी विमला की शादी हो गई। छोटी बेटी नेहा (22) साथ में रहती है। वह एमपी नगर स्थित एक कॉल सेंटर में नौकरी करती है। एक बेटा संजय था, जिसकी 16 साल की उम्र में बीमारी से मौत हो गई थी। मई 2018 में डालचंद्र रजक का रिटायर्डमेंट हुआ, तब उन्हें 18 लाख रुपए मिले थे। हालांकि इन 18 लाख में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। चूंकि पुलिस को परिजन और ठेकेदारों ने अलग-अलग बयान दिए हैं। किसी का कहना है कि 18 लाख तो किसी का कहना है 10 लाख खाते में थे। उनके बैंक खाते में कितने रुपए थे, कहां-कहां ट्रांजेक्शन हुआ। यह खुलासा जांच के बाद हो सकेगा।

दोपहर में चला पता, कई ट्रांजेक्शन हुए
डालचंद्र के तीसरे नंबर के भाई हरलाल के बेटे मनीष ने बताया कि वल्लभ भवन के पास उसकी फोटो-कॉपी की दुकान है। दोपहर में जब वह खाना खाने के लिए गया, तब चाचा डालचंद्र ने कहा कि बैंक चलना है। पासबुक पर एंट्री करानी है, एकाउंट से कुछ रुपए भी गायब हैं। तब उसने कहा कि लंच के बाद चलेंगे। शाम को उसकी चचेरी बहन डालचंद्र की बेटी नेहा ने बताया कि पापा के खाते में 10 लाख थे, जो गायब हो गए। कुछ दिन पहले उनका एटीएम भी चोरी हो गया। सतपुड़ा भवन में स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ डालचंद्र के भाई हरलाल ने बताया कि बुधवार सुबह डालचंद्र से बैंक में मुलाकात हुई थी। तब भाई ने बताया कि पासबुक भर गई है, नई पासबुक बनवाकर उस पर एंट्री कराना है, इसके बाद वह चले गए। बैंक शाखा सतपुड़ा भवन स्थित एसबीआई शाखा बैंक भी गए थे, तब पता चला कि उनके खाते से कई ट्रांजेक्शन हुए हैं।
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