50-50 हजार के दो चेक हो गए बाउंस : मकान में पीओपी का काम कर रहे ठेकेदार राकेश अहिरवार ने बताया कि दिनभर डालचंद्र मकान पर नहीं आए। कोलार निवासी सतीश ठेकेदार मकान का निर्माण कर रहा है। डालचंद्र ने उसे 50-50 हजार के दो चेक दिए, जो बाउंस हो गए। शाम साढ़े 5 बजे ठेकेदार और राकेश दोनों डालचंद्र के किराए वाले मकान पर पहुंचे, कई बार दरवाजा खटखटाया। कोई आहट नहीं मिली।
डालचंद्र पांच भाई हैं, वह मूलत: सागर जिले के मौठी के रहने वाले हैं। चार भाई सरकारी नौकरी में है, जबकि एक भाई सागर में रहकर प्राइवेट काम करते हैं। डालचंद्र दूसरे नंबर के थे। उनके दो बेटियां हैं, एक बेटी विमला की शादी हो गई। छोटी बेटी नेहा (22) साथ में रहती है। वह एमपी नगर स्थित एक कॉल सेंटर में नौकरी करती है। एक बेटा संजय था, जिसकी 16 साल की उम्र में बीमारी से मौत हो गई थी। मई 2018 में डालचंद्र रजक का रिटायर्डमेंट हुआ, तब उन्हें 18 लाख रुपए मिले थे। हालांकि इन 18 लाख में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। चूंकि पुलिस को परिजन और ठेकेदारों ने अलग-अलग बयान दिए हैं। किसी का कहना है कि 18 लाख तो किसी का कहना है 10 लाख खाते में थे। उनके बैंक खाते में कितने रुपए थे, कहां-कहां ट्रांजेक्शन हुआ। यह खुलासा जांच के बाद हो सकेगा।
डालचंद्र के तीसरे नंबर के भाई हरलाल के बेटे मनीष ने बताया कि वल्लभ भवन के पास उसकी फोटो-कॉपी की दुकान है। दोपहर में जब वह खाना खाने के लिए गया, तब चाचा डालचंद्र ने कहा कि बैंक चलना है। पासबुक पर एंट्री करानी है, एकाउंट से कुछ रुपए भी गायब हैं। तब उसने कहा कि लंच के बाद चलेंगे। शाम को उसकी चचेरी बहन डालचंद्र की बेटी नेहा ने बताया कि पापा के खाते में 10 लाख थे, जो गायब हो गए। कुछ दिन पहले उनका एटीएम भी चोरी हो गया। सतपुड़ा भवन में स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ डालचंद्र के भाई हरलाल ने बताया कि बुधवार सुबह डालचंद्र से बैंक में मुलाकात हुई थी। तब भाई ने बताया कि पासबुक भर गई है, नई पासबुक बनवाकर उस पर एंट्री कराना है, इसके बाद वह चले गए। बैंक शाखा सतपुड़ा भवन स्थित एसबीआई शाखा बैंक भी गए थे, तब पता चला कि उनके खाते से कई ट्रांजेक्शन हुए हैं।