अख्तर भौंरी स्थित एक बड़ी कम्पनी के तेल डिपो में वेल्डर का काम करता था। पहले वह एक आउटसोर्स कम्पनी के माध्यम से डिपो में आया था। उसी दौरान उसकी कशिश से मुलाकात हुई। कम्पनी का ठेका खत्म होने पर वह हरियाणा चला गया, लेकिन कुछ ही दिनों बाद वापस आ गया। इस बार उसके काम को देखते हुए सुपरवाइजर ने सीधे उसे काम पर रख लिया। इस बार अख्तर ने अकेले कमरा लिया और यहीं रहने लगा। इसी दौरान दोनों की दोस्ती परवान चढ़ी। कशिश के मामा राजेश झांझर और भाई को भी दोनों की दोस्ती के बारे में पता था। पुलिस का अनुमान है कि इसी बढ़ती दोस्ती के बीच ऐसा कोई कारण आया कि अख्तर ने हत्या जैसा जघन्य अपराध कर दिया।
कशिश की मां ने पहले राहुल से शादी की थी, लेकिन बाद में उन्होंने ब्रजेश से शादी कर ली। इसके बाद कशिश ने मामा राजेश झांझड़ के घर रहना शुरू कर दिया। कशिश की एक बहन और एक भाई मुम्बई में रहकर पढ़ाई करते हैं वहीं वह पढ़ाई छोड़ चुकी थी। इस बीच अपराध के बाद जोश में कबूलनामा करने वाले अख्तर ने अपने बचने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। उसने अपने वाट्सऐप और फेसबुक से फोटो हटा दिए हैं। वहीं मोबाइल भी बंद कर लिया है। पुलिस टीम उसके मोहल्ले और परिजनों तक पहुंचकर उसके छिपने के संभावित ठिकानों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।