पुलिस ने इस मामले में 2 लोगों को आरोपी बनाया है एवं उनके खिलाफ सभी साक्ष्य एवं सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच दस्तावेज न्यायालय में पेश कर दिए हैं। यह प्रकरण फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है। पुलिस ने न्यायालय में बताया है कि सीसीटीवी एवं कॉल रिकॉर्ड के आधार पर जिन दो लोगों को पकड़ा गया है उनका अपराध इस घटना में साबित हो रहा है। न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों की सूची का परीक्षण फिलहाल जारी है। पुलिस ने न्यायालय में दावा किया है कि साक्ष्यों की सूची में जांच पड़ताल के दौरान सभी तथ्यों को बारीकी से परीक्षण के बाद शामिल किया गया है।
पुलिस ने घटना के करीब सवा साल बाद मामले की डीएनए रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। दरअसल पुलिस ने डीएनए सैंपल सागर, हैदराबाद और दिल्ली लैब भेजे थे, लेकिन वहां सेंपलों की अधिकता के कारण रिपोर्ट में देरी हो रही थी इसलिए भोपाल लैब में सैम्पल की जांच कराकर रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी। इस रिपोर्ट पर पीडि़ता के पिता ने आपत्ति ली थी और पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि पुलिस की लापरवाही के कारण एक आरोपी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच के लिए प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा था। इसके साथ मुख्यमंत्री से भी सीबीआई जांच की मांग की थी।
मनुआभान की टेकरी पर 30 अप्रैल 2019 को 12 साल की बालिका की दुष्कर्म के बाद पत्थर से सिर कुचलकर हत्या कर दी गई थी। नाबालिग अपनी 16 वर्षीय बुआ और बुआ के दोस्त के साथ टेकरी पर घूमने के लिए गई थी। पुलिस के अनुसार वहां बुआ के दोस्त और एक अन्य ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद बालिका की हत्या कर शव एक गुफा में छिपा दिया था। रात भर परिजन टेकरी पर उसे खोजते रहे, उस समय बुआ का दोस्त भी साथ था लेकिन वह गुमराह करता रहा। पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने स्थान बता दिया। वहां से सिर कुचली हुई बालिका की लाश मिली थी। सीसीटीवी फुटेज में भी यह सभी टेकरी पर जाते हुए दिखाई दिए थे।