वाले रास्तों पर सर्चिंग शुरू कर दी। अपहरणकर्ता बच्ची को लेकर भानपुर की ओर गया लेकिन पुलिस जांच देखकर अल्पना टॉकीज की ओर आ गया। इस बीच पुलिस की दबिश बढऩे पर उसने कार छोड़ दी और इंदौर के लिए टैक्सी बुक कर ली। वह बच्ची को कार में बैठाकर पास में खड़ा हो गया, लेकिन इस बीच पुलिस आ गई तो वह भाग निकला।
बाई का पता तक नहीं जानती थी पीडि़ता बैंककर्मी पीडि़त महिला ने एक साल पहले घर पर काम के लिए बाई को रखा था, लेकिन पीडि़ता के पास न तो बाई का आधार कार्ड था, न ही उन्हें उसका पता ही मालूम था। ऐसे में पुलिस के लिए बाई और उसके बेटे को तलाशना भी चुनौती बना।
50 हजार से 10 हजार पर आया आरोपित, कर सकता था बड़ी वारदात अपहरण के बाद आरोपी लगातार बच्ची की माँ को फोन कर रहा था, वह लगातार 50 हजार रुपयों की मांग कर रहा था। लेकिन महिला ने समझदारी दिखाते हुए पुलिस को सूचना दी। इस बीच आरोपी ने रुपए नहीं मिलने पर राशि 10 हजार रुपए लेने तक पर तैयार हो गया, लेकिन पुलिस को मालूम था कि राशि मिलने पर अपहरणकर्ता बड़ी वारदात कर सकता है। बच्ची अपहरणकर्ता को पहचानती थी जो मिलने पर सबको उसका नाम बता सकती थी, इसलिए रुपए नहीं देने की पुलिस की रणनीति कारगर रही।
नशे का आदी, हो चुके हैं विवाद
एडशिनल एसपी दिनेश कौशल ने बताया कि, पुलिस को पता चल गया था कि राहुल शराब का आदी है और नशे के बाद विवाद भी करता है। इसके चलते उस पर अपराध भी दर्ज हैं। ऐसे में कुछ समय बीतने पर वह नशा कर लेने या देरी से बौखला जाने पर बच्ची को नुकसान पहुंचा सकता था, इसलिए समय रहते बच्ची तक पहुंचना जरुरी था जिसमें हम सफल रहे जिसके बाद आरोपी को भी दबोच लिया गया।
एडशिनल एसपी दिनेश कौशल ने बताया कि, पुलिस को पता चल गया था कि राहुल शराब का आदी है और नशे के बाद विवाद भी करता है। इसके चलते उस पर अपराध भी दर्ज हैं। ऐसे में कुछ समय बीतने पर वह नशा कर लेने या देरी से बौखला जाने पर बच्ची को नुकसान पहुंचा सकता था, इसलिए समय रहते बच्ची तक पहुंचना जरुरी था जिसमें हम सफल रहे जिसके बाद आरोपी को भी दबोच लिया गया।