scriptवेबसाइट से हाईप्रोफाइल युवतियों के भावी वर की चाहत देखता, फिर ठगी करने फेसबुक पर अफसर बन जाता | crime news bhopal: information of high profile women Facebook fraud | Patrika News

वेबसाइट से हाईप्रोफाइल युवतियों के भावी वर की चाहत देखता, फिर ठगी करने फेसबुक पर अफसर बन जाता

locationभोपालPublished: Dec 22, 2019 11:29:04 am

– अस्पताल संचालकों से ठगी करने वाले जालसाज की करतूत

Social media

Social media

भोपाल। अस्पताल संचालकों से ठगी करने के आरोप में क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में आया शातिर जालसाज देवरिया, उत्तरप्रदेश निवासी रमेश प्रजापति देशभर की तमाम युवतियों को भी ठग चुका है। ठगी करने के लिए आरोपी मेट्रो मोनियल बेवसाइट से युवतियों के प्रोफाइल देख उनकी भावी वर की पसंद पता कर लेता था। इसके बाद युवती के पसंद के अपनी फेसबुक आईडी बना कर उनसे संपर्क करता था।

शादी का वादा करने के बाद सड़क हादसे में खुद के घायल होने की मार्क की फोटो भेज युवतियों से रकम ऐंठ लेता था। तीन युवतियों से वह डेढ़-डेढ़ लाख रुपए ठग चुका है। मालुम होकि क्राइम ब्रांच ने खुद को बीएसएनएल का जीएम बताकर अस्पताल संचालकों से ठगी करने के आरोप में रमेश प्रजापति व उसके साथी सलीम को गिरफ्तार किया है। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है। सरगना रमेश देवरिया में एक स्कूल का संचालन भी करता है। वह उसका प्राचार्य है।

नेवी अफसर बनकर युवती को ठगा

आरोपी ने पूछताछ में कबूला कि एक युवती को ठगने के लिए वह फेसबुक पर नेवी आफिसर बन गया। युवती से फेसबुक पर दोस्ती की। नेवी आफिसर की प्रोफाइल देख युवती फेसबुक पर ही शादी के लिए तैयार हो गई। इसके बाद आरोपी युवती के शहर में पहुंचा। उसे फोन लगाकर कहा कि उसका एक्सीडेंट हो गया है, मदद के लिए तत्काल उसे एक लाख रुपए नगद की जरूरत है। युवती ने भावी वर की चाहत में राशि भिजवा दी। इसके बाद आरोपी राशि लेकर चंपत हो गया।

फ्लाइट से आना-जाना

सरगना रमेश फ्लाइट से आना-जाना करता है। वह अंग्रेजी-हिंदी में अच्छी पकड़ है। ठगी की रकम से उसने स्कूल खोल रखी है। स्कूल में करीब पांच सौ बच्चे हैं। हफ्ते में तीन दिन वह धोखाधड़ी करने अलग-अलग राज्य में जाता है। इसके बाद स्कूल का काम देखता है।

85 सिम की सर्चिंग में पकड़ाया

आरोपी को पकडऩे के लिए तकनीकी जांच अहम रही। आरोपी ने चिल्ड्रन हास्पीटल के डाक्टर को ठगी के लिए जिन मोबाइल नंबरों से फोन किया। उसके आईएमआई नंबर ट्रेस किए गए। इसमें दो मोबाइल पर पांच सिम चलना सामने आया। इसके बाद इन पांच सिम के आधार पर आईएमआई नंबर से अस्सी नई सिम सामने आई। इनका जब विश्लेषण किया गया, तब आरोपी की पुख्ता पहचान हो सकी।

पिछले दस साल से ठगी का धंधा

सरगना बीते दस सालों से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा है। वह जिस शहर में एक बार वारदात को अंजाम दे देता था, दोबारा उसमें नहीं जाता था। आरोपी हास्पिटल में ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए बीएसएनएल की फर्जी वेबसाइट तैयार करता। जिस शहर में जाता, वहां की फर्जी आईडी बनाकर होटल में रुकता है। इसके बाद जिस भी अफसर के नाम पर उसे ठगी करना है, वह उस अफसर की कार का नंबर, फोटो सब मंगा लेता है।

 

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो