मौसम या अन्य प्राकृतिक आपदा की वजह से खराब हाेने वाली फसल की क्षतिपूर्ति के लिए किसानों को फसल का बीमा कराने का लाभ दिया गया है. बीमा कराने के बाद ही नुकसान होने पर किसानों को बीमा राशि मिल सकेगी। योजना के अंतर्गत खरीफ सीजन 2022 के लिए बैंकों द्वारा प्रीमियम 31 जुलाई तक भरे जाएंगे। इसके अंतर्गत अधिसूचित पटवारी हल्का अंतर्गत किसानों को अधिसूचित फसलों की बीमा राशि जमा करनी होगी. बैंकों द्वारा बीमित किसानों की प्रविष्टि भारत सरकार के फसल बीमा पोर्टल (NCIP Portal) पर समय-सीमा में किया जाना जरूरी है।
बीमा के लिए दी गई फसलों की जानकारी में संशोधन की भी सुविधा दी गई है। किसान ने बोई गई फसल में किसी भी प्रकार का परिवर्तन किया है तो इसकी जानकारी देनी होगी. इसके लिए किसान संबंधित बैंक से सम्पर्क कर जानकारी दर्ज करा सकता है। यह सुविधा बीमांकन की अंतिम तिथि 31 जुलाई के दो दिन पूर्व यानि 29 जुलाई तक के लिए ही है. बोई गई वास्तविक फसल की जानकारी बैंकों उपलब्ध कराया जाना है। अर्थात बीमा लाभ के लिए किसानों को हर हाल में 29 तक बोई गई फसल की वास्तविक जानकारी देनी होगी.
किसानों की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत प्रदेश में नेशनल क्राप इन्श्योरेन्स पोर्टल पर भू अभिलेख का एकीकरण भी किया जा रहा है। बीमा पंजीयन के समय किसानों को भूमि धारिता संबंधी जानकारी भू-अभिलेख के आधार पर पोर्टल में ड्राप डाउन पर उपलब्ध हो सकेगी. इसमें बीमाकर्ता बैंकर्स, कामन सर्विस सेन्टर, खुद किसान द्वारा उचित खसरा नंबर चुनकर संबंधित भूमि का बीमा किया जा सकेगा। पंजीयन के दौरान खसरा नंबर तथा बीमित जमीन के रकबे की सही- सही जानकारी बैंक द्वारा एनसीआइपी पोर्टल पर दर्ज की जाना है. किसानों को समय पर सही बीमा पालिसी जारी करने किसानों की सुविधा के लिए यह पहल की गई है।