सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं को संगठन ने केंद्र में सरकार बनने के बाद कोई महत्वपूर्ण संवैधानिक पद देने का भरोसा दिलाया है। इंदौर सीट से सुमित्रा महाजन का नाम तय माना जा रहा था। प्रदेश चुनाव समिति ने भी उनका सिंगल नाम भेजा था, लेकिन दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति में महाजन का नाम होल्ड कर दिया गया है।
पार्टी 75 पार के फार्मूले पर महाजन का टिकट काटने जा रही है, लेकिन लोकसभा स्पीकर और 8 बार की सांसद होने के नाते उनकी सम्मानीय विदाई का रास्ता निकाला जा रहा है। इस मामले में संगठन के सूत्रों से यह बताया जा रहा है कि खुद सुमित्रा महाजन ने चुनाव नहीं लडऩे की इच्छा जताई है, जबकि केंद्रीय संगठन ने उनसे अपने निर्णय पर पुनर्विचार को कहा है। अब 25 मार्च को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में फिर महाजन के नाम और इंदौर लोकसभा सीट को लेकर विचार किया जाएगा।
इधर, भोपाल से टिकट की दावेदारी कर रहे बाबूलाल गौर के सुर भी आडवाणी का टिकट कटने के साथ बदल गए। उन्होंने कहा है कि वे अब टिकट की दौड़ में नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक, गौर को संगठन ने 75 पार के फार्मूले की सूचना दे दी है। इसके बाद ही वे चुनाव की दावेदारी से हट गए।
महाजन की चुप्पी
हालांकि इस मामले में सुमित्रा महाजन ने मीडिया में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। वे इंदौर में जनसंपर्क कर रही हैं, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि वे लोकसभा चुनाव लड़ेंगी या नहीं तो उन्होंने कुछ नहीं कहा। 75 पार के फार्मूले पर किए गए सवाल का भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।