एक सदस्य बनाने पर मिलते थे 3.5 लाख रुपए
गिरोह ने भारत कई शहरों के लोगों को प्लस गोल्ड यूनियन कॉइन दिया, जिसका ऑफिस हॉगकॉग में है। इस गिरोह का जाल भारत से लेकर हॉगकॉग, चीन, दुबई, मलेशिया तक फैला हुआ है। व्यापार बढ़ाने के लिए अलग-अलग लोगों को सिल्वर, गोल्ड, प्लेटिनम आदि नाम से आईडी बनाई जाती थी। बाद में उन्हें अन्य सदस्य बनाने के लिए कहा जाता था।
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एक सदस्य बनाने पर 3.5 लाख रुपए मिलते थे। लेकिन भारत में काम करने वाले प्रमोटरों ने कई लोगों की रकम इसमें लगाई, उन्होंने जब यह कॉइन बाजार में फिर बेचना चाहा तो उन्हें इसका विकल्प नहीं मिला, तो उन्होंने इसकी शिकायत एसटीएफ को की।
ऐसे करते थे क्रिप्टो कॉइन से ठगी
एसटीएफ के स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि ठगी करने वाले व भारत में क्रिप्टो करेंसी के प्रमोटर ब्रजेश रायकवार व रूपेश को गिरफ्तार कर लिया गया है। ब्रजेश को पत्नी सीमा सहित जबलपुर से गिरफ्तार किया गया है। भारत में ब्रजेश व रूपेश, से जब लोगों ने क्रिप्टो कॉइन खरीदी और उसे बेच नहीं पाए तो पता चला उन्हें ठग लिया गया है। ब्रजेश व रूपेश जयपुर में बैठकर कॉइन की आर्टिफिशियल ग्रोथ दिखाते थे।
दोनों आरोपियों ने मुंबई, दिल्ली, चंडीगढ़, भोपाल, रायपुर, जालंधर, अमृतसर से क्रिप्टो करेंसी व्यवसाय के पैर जमाए हैं। यह दोनों हॉगकॉग के रहने वाले केविन और मलेशिया के डेनियल फ्रांसिस से जुड़े थे। इन्होंने ठगी के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भारतीय स्वरूप देने के लिए प्लस गोल्ड, यूनियन कॉइन आदि नामक वेबसाइट बनाने के लिए बैंगलुरू व जयपुर की फर्मों से भी अनुबंध किया गया था।
पत्नी की जमानत अर्जी खारिज
अदालत ने जेल में बंद सीमा रायकवार की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। अपर सत्र न्यायाधीश धीरेन्द्र सिंह ने यह आदेश दिए हैं। एसटीएफ के वकील सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि एक वर्ष में रकम दुगनी करने का झांसा दिया गया था। मुख्य आरोपी ब्रजेश रायकवार ने पत्नी सीमा रायकवार के खातों में 87 लाख रुपए जमा कराए थे।
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ठगी की रकम यहां करते थे निवेश
प्रतिबंधित क्रिप्टो करेंसी से ब्रजेश और रूपेश ने जो पैसे कमाए, उन्हें दोनों जमीन, मकान, दुकान, मुजरा-नाइट, बॉलीवुड हाइट्स, गोवा के कसीनो, एपी-3 मॉशन पिक्चर्स प्रोडक्शन में महफील ए उमरावजान आदि में पैसे निवेश किए गए हैं। अब तक की छानबीन में एसटीएफ को जबलपुर, भोपाल, छत्तीसगढ़ में निवेश करने की जानकारी मिली है।
एसटीएफ के एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि यह दोनों मल्टीलेवल मार्केटिंग की तर्ज पर व्यापार करते थे। इसमें राजीव शर्मा, रुपेंद्र पाल सिंह, विनीत यादव एसोसिएट्स पार्टनर है। ब्रजेश के बैंक खातों से करीब 4 करोड़ रुपए का भी एसटीएफ हिसाब मिला है। आशंका है कि यह ठगी 100 करोड़ तक हो सकती है।