विधानसभा में 18 से 21 फरवरी तक होने वाले सत्र को लेकर मंगलवार को मुख्य सचिव ने बैठक बुलाई। इसमें मुख्य सचिव ने आश्वासनों, लोक लेखा समिति की सिफारिशों और विधेयकों को लेकर प्रमुख सचिवों से जानकारी ली। लंबित आश्वासनों व सिफारिशों को लेकर मोहंती ने नाराजगी जताई। उन्होंने साफ कहा कि काम का यह तरीका ठीक नहीं। सत्र आने पर ही विधानसभा के काम किए जाते हैं। प्रमुख सचिव अपने स्तर पर पहले बैठकें क्यों नहीं करते। सारे काम पहले क्यों नहीं निपटाए जाते। लगातार बरसों तक कैसे आश्वासन लंबित रहते हैं। अब ऐसी स्थिति नहीं होने चाहिए। उन्होंने विभाग प्रमुखों को यह भी कहा कि अब कामकाज का तरीका बदलिए। हर महीने विधानसभा के कामों को लेकर बैठक करिए, ताकि सत्र आने पर अचानक बहुत सारे लंबित काम न रहे।
उन्होंने इसकी पूरी रिपोर्ट भी देने के लिए कहा। स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने कहा कि कुछ आश्वासन लंबी प्रक्रिया के होते हैं, उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि स्कूल मंजूरी का आश्वासन दिया जाता है तो हम तत्काल कर देते हैं, लेकिन इसके बावजूद आश्वासन बना रहता है। कारण कि स्कूल का भवन बनने और स्टॉफ पदस्थ होने में समय लगता है। इस तरह के आश्वासन लंबित रखना ठीक नहीं है। इस पर मुख्य सचिव ने विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह से कहा कि प्रभावी आश्वासनों कार्यवाही होती है तो इसे लंबित की श्रेणी में नहीं रखा जाना चाहिए।
एपी बोले- आप लोगों ने किसी विधेयक की सूचना नहीं दी… बैठक में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने कहा कि आप लोगों ने अभी तक एक भी विधेयक की सूचना नहीं दी है। ऐन मौके पर विधेयक नहीं लिए जाएंगे। इसके अलावा विभिन्न लंबित मामलों को जल्द पूरा करने के लिए भी कहा। उन्होंने बैठक में कहा कि लंबित आश्वासन पूरे हो जाएंगे तो बाद में आपको बुलाना पड़ता है।