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सीएस बोले- युवाओं को कर्ज देने क्यों लगवाते हो चक्कर, सरकार ने चिठ्ठी लिखी तब भी नहीं मानी

locationभोपालPublished: Nov 16, 2019 01:41:30 pm

सीएस बोले- युवाओं को कर्ज देने क्यों लगवाते हो चक्कर, सरकार ने चिठ्ठी लिखी तब भी नहीं मानी
 

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भोपाल। राज्य बैंकर्स समिति की बैठक में मुख्य सचिव एसआर मोहंती और वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग जैन ने बैंक ऑफीसर्स को उनकी कार्यप्रणाली पर जमकर नाराजगी जाहिर की। सीएस मोहंती ने कहा कि जब आप लोगों को ही कर्ज की योजनाएं नहीं मालूम तो फिर कर्ज कैसे दोगे। सरकार ने चिठ्ठी लिखी फिर भी दो साल तक एक युवा को चक्कर लगवाते रहे। यह तरीका ठीक नहीं।

मंत्रालय में मोहंती ने बैठक में युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के लिए कर्ज पर बैंकों के रवैये पर सख्त नाराजगी जाहिर की। इस दौरान प्रकरण सामने आया, जिसमें रतलाम की बैंक शाखा के जनरल मैनेजर ने एक साल चक्कर लगवाकर मेडिकल एजुकेशन के कर्ज प्रकरण में एक युवा को लिख दिया कि उसे १० लाख तक की ही पात्रता है, जबकि वह सात लाख से ज्यादा के दायरे में आने से १५ लाख तक की पात्रता रखता था। इस पर सरकार ने बैंक मैनेजर को नियम बताकर चिठ्ठी लिखी, लेकिन एक साल तक फिर भी चक्कर कटवाते रहे।

युवा को दो साल बाद कर्ज मिला। इस पर सीएस ने नाराजगी जताकर कहा कि जब बैंक के लोग ही सरकार की योजना नहीं जानेंगे तो फिर कैसे कर्ज दिया जा सकेगा। रोजगार व स्वरोजगार की योजनाओं में बैंक सहयोग नहीं कर रहे। मोहंती ने बिना सरकार को बताए बैंक शाखाएं बंद करने पर भी एेतराज जताया। कहा कि बैंकर्स समिति के अनुमोदन के बाद ही शाखा बंद की जाए।

फायनेंस लिटरेसी पर नाराजगी-

मोहंती ने फायनेंशियल लिटरेसी न होने पर भी नाराजगी जताई। वे बोले कि शहरी क्षेत्रों में भी फायनेंशियल लिटरेसी पर जोर दिया जाए। उन्होंने कहा कि एक-एक मार्केट चेक किया जाए कि डिजिटल पेमेंट का कितने व्यापारी उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप ६ नंबर मार्केट को चैक कर सकते हैं। बैठक में नेगोशिएबल इंस्टूमेंट एक्ट के अन्तर्गत बैंकों को दी जाने वाली छुटिटयों की संख्या में वृद्धि की मांग भी बैठक में की गई।

इधर नाराज हुए वित्त पीएस-

दूसरी ओर वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग जैन भी नाराज हुए। अनुराग ने कहा कि डिजिटल प्रमाण-पत्र को लेकर बैंक बिलकुल काम नहीं कर रहे। जब सुविधाएं हैं, तो फिर जनता को देने में दिक्कत क्या है? क्यों आप लोग क्रियान्वयन नहीं कर रहे। पेंशनर्स के लिए डिजिटल प्रमाण-पत्र का कोई क्रियान्वयन नहीं हो रहा। आधार केंद्रों से उन्हें लिंक नहीं किया गया है। आप लोग जनता को बैंक तक का चक्कर खिलाना ही क्यों चाहते हो? ई-डिस्ट्रिक्ट पर अनुराग ने कहा कि सभी लीड बैंक स्थानीय स्तर पर प्रभावी रणनीति बनाकर उनके क्षेत्रों में आने वाले सभी जिलों को डिजीटल डिस्ट्रिक्ट के रूप में विकसित करने के लिये कार्य करें। केवल किसी एक जिले को ही डिजिटल बनाकर क्यों रूक जाना चाहते हो। बैठक में सीएम हेल्प लाईन, बैंकों को सायबर ट्रेजरी की समीक्षा से सम्बद्ध करने की समीक्षा भी की गई।

ये भी दिए निर्देश-

– प्रदेशभर में वित्तीय साक्षरता पर कैम्प लगाए जाए

– कृषि क्षेत्र के नवाचारों को कर्ज दिया जाए

– सरकारी योजनाओं में मास्टर सरकुलर बैंक शाखा रखें

– डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र के लिए तकनीक शाखाओं पर हो

– समस्त बैंकों के लिए समान समयावधि फॉलो की जाए

– डिजीटल जिलों के विकास, भू-अभिलेखों का ऑनलाईन मॉर्टगेज मॉडयूल हो

 

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