मध्यप्रदेश का स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर में स्थित है जोकि संपूर्ण प्रदेश में विद्युत सप्लाई को नियंत्रित करता है। इसमें संचालित अत्याधुनिक टेक्नालाजी के सिस्टमों को सुरक्षित करने के लिए केन्द्र सरकार ने इसे बेहद क्रिटिकल एवं प्रोटेक्टेट सिस्टम माना है। एसएलडीसी को राष्ट्र की धरोहर मान जाता है और इसकी साइबर सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार भी लगातार सजग बनी रहती है।
जानकारी के अनुसार एसएलडीसी पर एकाएक कई साइबर हमले हो रहे हैं। पिछले 30 दिनों में ही करीब 10 बार हमलाकर कम्प्यूटर की सुरक्षा दीवार को भेदने की कोशिश की गई है. हालांकि हैकर्स हर बार नाकाम रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार सायबर हमलों की आशंका हर समय बनी रहती है लेकिन पिछले कुछ माह में सायबर हमलों में इजाफा हुआ है। इसलिए बचाव के उपाय भी लगातार चलते रहते हैं।
एसएलडीसी पर बढ़ते हमलों को देखते हुए केंद्रीय एजेंसियों की सहायता से सुरक्षा दीवार को अभेद बनाने की तैयारी की जा रही है। अब फायर वाल का उपयोग करने के साथ ही नियमित साफ्टवेयर अपडेट भी किया जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि सायबर अटैक से विद्युत आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी. ज्ञातव्य है कि इस हैकिंग को आतंकी गतिविधि की श्रेणी में रखा गया है. इससे पूर्व लद्दाख के एसएलडीसी में भी ऐसी कोशिश हो चुकी है। यहां चीनी सायबर हमला हुआ और कुछ मैसेज को ब्लाक करने के निर्देश दिए गए थे।
एसएलडीसी निशाने पर क्यों : एसएलडीसी प्रदेश में बिजली का प्रबंधन करता है। पावर प्लांट से बिजली ग्रिड पर दौड़ती है जिससे ट्रांसमिशन लाइनों के माध्यम से ही लेकर वितरण कंपनी को दिया जाता है। प्रदेश में कहां कितनी बिजली आपूर्ति होगी यह एसएलडीसी के ही माध्यम से होता है। यही कारण है विदेशी हैकर्स इसमें खराबी कर बिजली वितरण व्यवस्था ध्वस्त करना चाहते हैं।