डाउनलोडिंग के समय ये ऐप यूजर से उसकी गैलरी, कॉन्टैक्ट्स, लोकेशन आदि के एक्सेस की परमिशन मांगते हैं, जो अक्सर यूजर दे देते हैं। कई बार ये ऐप्स यूजर के फोन में बिना उसकी जानकारी के ही थर्ड पार्टी ऐप्स या मालवेयर इंस्टाल कर देते हैं और इसके जरिए यूजर की निजी जानकारियां चुरा लेते हैं। ये तत्काल लोन के नाम पर पूरा पैसा भी नहीं देते, बल्कि 60-70 प्रतिशत ही यूजर के खाते में ट्रांसफर किया जाता है।
मान लीजिए किसी ने 6 हजार रुपए लोन लिए, तो उसे महज 3,700-3,800 रुपए ही दिए जाएंगे, बाकी के 2,200-2,300 रुपए सर्विस और दूसरे चार्ज के नाम पर काट लिए जाते हैं। इन ऐप्स से लिए लोन पर 35% तक का इंटरेस्ट रेट लगता है। ड्यू डेट पर किस्त नहीं चुकाने पर अगले दिन से फ्लैट 3 हजार रुपए तक की पेनल्टी हर रोज लगती है।
साइबर पुलिस ने बताया कैसे बचें
- ऑनलाइन फेसबुक इंस्टाग्राम पर फर्जी एड से बचे एवं सत्यता की जांच कर ही लेनदेन करें।
- लोन लेने के लिए कोई ऐप डाउनलोड नहीं करें। बीमा पॉलिसी कराना भी कोई शर्त नहीं है।
- अनावश्यक लोन के झंझट में नहीं पड़ें।
- सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लुभावने लोन ऑफर देने वाले ठगों से सावधान रहें।
- लोन की जरूरत होने पर संबंधित बैंक में जाकर ही लोन की प्रक्रिया करें।
- ठगों द्वारा फर्जी लोन ऐप के माध्यम से भी लोन ऑफर दिए जाते हैं।
- ऐप डाउनलोड करने से पहले कोई परमिशन पर ओके नहीं करें।
- कोई भी बीमा पॉलिसी लेने से पहले उसकी नियम व शर्ते अवश्य पढ़ें।
- बीमा पॉलिसी अधिकृत एजेंट व उसकी जानकारी के संबंध में संतुष्टि बाद ही खरीदें।
- घटना की सूचना सायबर क्राइम के हेल्पलाइन नम्बर 9479990636, राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें।
हर में 200 ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें लोग इंस्टेंट लोन ऑपरेटर की ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रहे हैं। ये वो लोग हैं जो सामने आए हैं। ऐसे मामलों में केवल सतर्कता से ही बचा जा सकता है।
- अमित सिंह, डीसीपी, क्राइम ब्रांच