राजधानी में लॉकडाउन के दौरान करीब 25 मामले सामने आए हैं। ज्यादातर में लिंक भेजकर या किसी ऐप को डाउनलोड करने को कहा गया। सोशल अकाउंट हैक कर भी ढगी को अंजाम दिया जा रहा है। इसमें जबलपुर में डीआईजी के दोस्त से 20 हजार रुपए की ठगी का मामला हाल ही में सामने आया है। इन्हें रोकने भोपाल पुलिस ने एडवायजरी भी जारी की है।
इनका रखें ध्यान
-मोबाइल पर किसी अंजाम व्यक्ति के कहने पर न तो कोई धनराशि अपने बैंक खाते में प्राप्त करें और न ही किसी के खाते में ट्रांसफर करें।
-मोबाइल या टेलीफोन पर कॉल करके यदि कोई बैंक संबंधित गोपनीय जानकारीया एटीएम नंबर, पासवर्ड पूछे तो उसे कुछ न बताएं। वन टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी किसी से भी शेयर न करें।
किसी अंजाम व्यक्ति के कहने पर स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन डाउनलोन न करें।
-आपके पास ठगी से जुड़ी कॉल आती है तो तुरंत नजदीक थाने या सायबर क्राइम भोपाल को बताएं।
-अंजाम से रुपए की लेनदेन वाले मैसेज पर ध्यान न दें।
ऐसे बनते हैं शिकार
अकाउंट हैक कर ठगों की ओर से परिचित बनकर मैसेज किए जाते हैं, जिसमें अर्जेंट में रुपयों की जरूरत होने की बात कही जाती है। कई प्रलोभन देकर लिंक भेजी जाती है। लिंक पर क्लिक करते ही उनके पूरे खाते से पैसा गायब हो गया।
अलर्ट रहने में ही भलाई है
उपभोक्ता संरक्षण समिति के विजय सक्सेना कहते हैं कि ऑनलाइन सुविधा के दौरान अलर्ट रहे। किसी भी अनजान से लेनदेन से बचें। कुछ लोगों की शिकायत मिली है। लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं।