इन राज्यों से सबसे अधिक वारदात
सूत्रों के मुताबिक मप्र के रहवासियों के साथ हुई साइबर ठगी करने वाले दिल्ली, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और हरियाणा के मोबाइल नंबरों से अपराध अंजाम देते हैं। अभी तक बिहार, झारखंड के क्षेत्र विशेष के लोग इस तरह की वारदात करते थे, पर अब इनका नया ठिकाना पश्चिम बंगाल और खासतौर से मुर्शिदाबाद और 24 परगना जिला है।
फर्जी दस्तावेजों से लीं 8 हजार सिम कराईं बंद
प्रदेश के ग्वालियर और आसपास के जिलों में भी साइबर अपराधियों की गतिविधियां बढ़ी हैं। जांच के बाद खुलासा हुआ कि बगैर दस्तावेजों का सत्यापन किए मोबाइल सिम बेची जा रही हैं, इन सिम का इस्तेमाल अपराधी ठगी में करते हैं। इसके बाद राज्य साइबर सेल ने 8 हजार सिम बंद कराई हैं। इसके लिए मोबाइल कंपनियों को पत्र लिखकर दस्तावेजों का सत्यापन कराया गया था, जिसमें ये फर्जी निकलीं।
सबसे अधिक प. बंगाल के ठग रडार पर
राज्य साइबर सेल की तकनीकी टीम की जांच में अब तक 1400 से अधिक साइबर ठग रडार पर हैं। इनमें सबसे अधिक 630 पश्चिम बंगाल के तो दिल्ली के 249 ठग हैं। झारखंड के 182, राजस्थान से 180 तो बिहार से 179 और हरियाणा से 116 ठगों और इनके द्वारा लगातार की जा रहीं साइबर ठगी की पहचान की गई है।
सूत्रों के मुताबिक मप्र के रहवासियों के साथ हुई साइबर ठगी करने वाले दिल्ली, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और हरियाणा के मोबाइल नंबरों से अपराध अंजाम देते हैं। अभी तक बिहार, झारखंड के क्षेत्र विशेष के लोग इस तरह की वारदात करते थे, पर अब इनका नया ठिकाना पश्चिम बंगाल और खासतौर से मुर्शिदाबाद और 24 परगना जिला है।
फर्जी दस्तावेजों से लीं 8 हजार सिम कराईं बंद
प्रदेश के ग्वालियर और आसपास के जिलों में भी साइबर अपराधियों की गतिविधियां बढ़ी हैं। जांच के बाद खुलासा हुआ कि बगैर दस्तावेजों का सत्यापन किए मोबाइल सिम बेची जा रही हैं, इन सिम का इस्तेमाल अपराधी ठगी में करते हैं। इसके बाद राज्य साइबर सेल ने 8 हजार सिम बंद कराई हैं। इसके लिए मोबाइल कंपनियों को पत्र लिखकर दस्तावेजों का सत्यापन कराया गया था, जिसमें ये फर्जी निकलीं।
सबसे अधिक प. बंगाल के ठग रडार पर
राज्य साइबर सेल की तकनीकी टीम की जांच में अब तक 1400 से अधिक साइबर ठग रडार पर हैं। इनमें सबसे अधिक 630 पश्चिम बंगाल के तो दिल्ली के 249 ठग हैं। झारखंड के 182, राजस्थान से 180 तो बिहार से 179 और हरियाणा से 116 ठगों और इनके द्वारा लगातार की जा रहीं साइबर ठगी की पहचान की गई है।