मौसम विशेषज्ञ एसके नायक के अनुसार इस समय अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफ ान विकसित होने की पूरी संभावना है। इसका बड़ा कारण यह है कि एक इंटर ट्रोपिकल कंवर्जेंस जोन भूमध्य रेखा के पास बना हुआ है। इसके साथ ही कई चक्रवाती सिस्टम भी बने हुए हैं जो पश्चिमी दिशा में बढ़ रहे हैं।
दक्षिण पूर्व अरब सागर और आसपास के क्षेत्रों पर औसत समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर तक ऊपरी हवा के चक्रवात के साथ एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। अगले 12 घंटों के दौरान यह और अधिक शक्तिशाली होकर अवदाब (डिप्रेशन) में परिवर्तित हो जाएगा।
ओमान की ओर जाने पर भी तटीय क्षेत्रों को खतरा
चक्रवाती तूफान के ओमान की तरफ जाने के बावजूद गुजरात और मध्य प्रदेश इससे प्रभावित होंगे। ओमान के पास से इसकी दिशा में यदि बदलाव होता है तो यह 12 अक्टूबर के आसपास गुजरात की ओर पहुंचेगा। तब पश्चिमी मध्य प्रदेश सहित पूरा मध्य प्रदेश इससे प्रभावित होगा। यह अपने केंद्र के चारों ओर तकरीबन 500 किलोमीटर के दायरे को प्रभावित करेगा। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी भागों पर भी एक चक्रवाती सिस्टम बना हुआ है। इसके अब 8 अक्तूबर के आसपास और अधिक शक्तिशाली होकर दक्षिणी बंगाल की खाड़ी में कम दवाब के क्षेत्र के रूप परिवर्तित होने की संभावना है।
कुल मिलाकर अनुमान है कि 06 से 10 अक्टूबर तक पश्चिमी मध्य प्रदेश में वर्षा की गतिविधियां सामान्य के आसपास रहेगी वहीं पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से कम रहेगी। 11 से 17 अक्तूबर के दौरान पूरे मध्य प्रदेश में बारिश की गतिविधियां सामान्य या सामान्य से अधिक रहेंगी।