जानकारी के अनुसार महंगाई भत्ता एक प्रतिशत बढ़ाने से सरकार के खजाने पर सालाना 340 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। एक प्रतिशत की वृद्धि के साथ महंगाई भत्ता पांच प्रतिशत हो गया है। यह वृद्धि जुलाई 2017 से लागू होगी। इसके पहले केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ा चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार ने केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने की नीति अपनाई है। इसके तहत जब केंद्र सरकार महंगाई भत्ता बढ़ाती है, तभी से प्रदेश में भी वृद्धि लागू होती है। सितंबर में केंद्र सरकार ने एक प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाया था। वित्त विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर आगे बढ़ा दिया था।
दरअसल रविवार को हुई इस कैबिनेट बैठक में एक दर्जन से ज्यादा प्रस्तावों पर विचार किया गया। वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि महंगाई भत्ता एक प्रतिशत बढ़ाने से सरकार के खजाने पर सालाना 340 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा।
यह फैसला पेंशनरों के साथ पंचायत और स्थानीय निकायों के अध्यापक, पंचायत सचिव व स्थाई कर्मियों पर भी लागू होगा। जिन कर्मचारियों को छठवां वेतनमान मिल रहा है, उनका महंगाई भत्ता तीन फीसदी बढ़ेगा। इसके अलावा कैबिनेट ने द्वितीय अनुपूरक बजट को भी मंजूरी दे दी।
सूत्रों का कहना है कि यह करीब 16 हजार करोड़ रुपए का होगा। इसमें भावांतर योजना के साथ प्रधानमंत्री आवास सहित ग्रामीण विकास और नगरीय विकास की योजनाओं के लिए काफी राशि का इंतजाम किया गया है। वित्त विभाग ने प्रस्तावित बजट में विभागों की आपत्तियों को दूर करने की कोशिश भी की है।
सूत्रों का कहना है कि यह करीब 16 हजार करोड़ रुपए का होगा। इसमें भावांतर योजना के साथ प्रधानमंत्री आवास सहित ग्रामीण विकास और नगरीय विकास की योजनाओं के लिए काफी राशि का इंतजाम किया गया है। वित्त विभाग ने प्रस्तावित बजट में विभागों की आपत्तियों को दूर करने की कोशिश भी की है।