भोपाल रेलवे स्टेशन
सुबह 10.30 बजे
बीसीएलएल की एसआर 8 बस कोलार स्थित बैरागढ़ चीचली से निशातपुरा तक चलती है। तकरीबन 30 किमी की इस दूरी को तय करने का जिम्मा खटारा हो चुकी बसों के पास है। पांच साल में ही ये बसें मेन्टेनेंस के अभाव में खटारा हो चुकी हैं। नतीजतन रोजाना कोई न कोई बस बीच रास्ते में खड़ी हो जाती हैं। इस रूट पर रोजाना ५० से ६० बसें दौड़ती हैं। जिनमें से औसतन चार से पांच बस खराब रहती हैं। यात्रियों को भी बस में वे सुविधाएं नहीं मिलतीं जिनका दावा बीसीएलएल द्वारा किया जाता है।
लाइव-दो
करोंद चौराहा
दोपहर 12 बजे
पुराने शहर के करोंद, भानपुर, काजी कैंप, जेल रोड, आनंद नगर आदि के लिए मैजिक सेवा उपलब्ध है, लेकिन इन वाहनों में ओवरलोडिंग आम है। इसके अलावा जितने भी मैजिक वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं उनमें से अधिकतर कंडम हो चुके हैं। इससे हादसों की आशंका हमेशा बनी रहती है। इन वाहनों के गेट टूटे हुए हैं, इसके बावजूद सवारियों को इन पर बैठाया जाता है। सड़कों पर दौड़ रहे मैजिक वाहनों के खिलाफ न तो ट्रैफिक पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है और न ही परिवहन विभाग द्वारा।
नादरा बस स्टैंड
दोपहर 02.00 बजे
नादरा बस स्टैंड से विदिशा मार्ग पर प्रतिदिन पचास से अधिक बसों का संचालन किया जाता है और इनसे सैकड़ों यात्री सफर करते हैं। इस रूट पर संचालित हो रही बसों की हालत देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनसे सफर करना कितना खतरनाक हो सकता है। कई बसों की बॉडी पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है तो किसी बस की खिड़कियों के कांच तक नहीं हैं। इस रूट में सालाना चार से पांच हादसे होते हैं। इसके बाद भी परिवहन विभाग ने इन बसों की दशा सुधारने के लिए कार्रवाई नहीं की है।