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150 बसें, 25 हजार से अधिक विद्यार्थी की राह, शहर की सबसे खराब रोड

locationभोपालPublished: Nov 13, 2019 02:20:56 pm

150 बसें, 25 हजार से अधिक विद्यार्थी की राह, शहर की सबसे खराब रोड

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भोपाल/ शहर के बाहरी क्षेत्र नीलबड़-रातीबड़ और संबंधित क्षेत्र में रोजाना 25 हजार से अधिक छात्र बस, मैजिक व खुद के वाहनों में गड्ढों के बीच हिचकोले खाकर आवाजाही को मजबूर है। वजह है लोकनिर्माण विभाग द्वारा सडक़ों पर सुधार कार्य नहीं करा पानी। जबकि लोक निर्माण विभाग के तमाम अफसरों ने दो-दो मंत्रियों की मौजूदगी में इस महत्वपूर्ण रोड समेत शहरभर की उनकी सडक़ों को सुधारने का दावा किया था।
कलियासोत से नीलबड़ का रास्ता हो या फिर नेहरूनगर, भदभदा, सूरज नगर होते हुए शैक्षणिक संस्थानों में जाने की राह। गड्ढों से भरी हुई है। इससे वाहनों को स्कूल-कॉलेज पहुंचने में तय समय से करीब 30 फीसदी अधिक समय लगता है। इसके चलते वाहनों को स्कूल-कॉलेज के लिए भी जल्दी निकलना पड़ता है। यानि बच्चों को इन खराब सडक़ों की वजह से जल्दी उठकर तैयार होना पड़ता है।
गौरतलब है कि बारिश के बाद खराब हो चुकी शहर की सडक़ों को लेकर पत्रिका ने खबरें प्रकाशित की। इसके बाद संबंधित एजेंसियों ने काम तो शुरू किया, लेकिन अब तक 30 फीसदी सडक़े भी नहीं सुधार सके। लगभग पूरे शहर में सडक़ें उखड़ी हुई है और आवाजाही में लोग दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गड्ढों से लगातार गुजरने की वजह से देरी तो ही रही है, वाहन के पाटर््स जल्द खराब होने और शारीरिक दर्द व अन्य दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है।
ऐसे समझे शहर में अब भी सुधरी नहीं सडक़ें

– कोलार रोड पर सर्वधर्म कॉलोनी से कलियासोत पुल और इससे आगे करीब 500 मीटर का रास्ता बेहद जर्जर है। लोक निर्माण को इसे दुरूस्त करना था, लेकिन उसने नहीं किया। यहां से राजाना एक लाख से अधिक लोग गुजरते हैं।
– डीआईजी बंगला से करोद तक पीडब्ल्यूडी के जिम्मे वाली करीब 3 किमी की रोड कई जगह से टूटी हुई है। यहां से भी रोजाना डेढ़ लाख से अधिक लोगों की आवाजाही होती है।
– भेल के गेट से लेकर अयोध्या बायपास और कोकता तक करीब 12 किमी की रोड एमपीआरडीसी के जिम्मे हैं। ये स्टेट हाइवे हैं। यहां से रोजाना भारी वाहन गुजरते हैं, लेकिन इसमें 30 से अधिक जगह पर गड्ढे हैं, सडक़ टूटी है। यहां से निगम के कचरा वाहनों के साथ ही दो लाख लोग गुजरते हैं।
नगर निगम: ठेकेदार काम ही नहीं कर रहे, कैसे सुधरे सड़के


नगर निगम आर्थिक तंगी बताकर ठेकेदारों को भुगतान नहंी कर रही। ऐसे में ठेकेदारों ने सडक़ सुधार समेत अन्य काम पूरी तरह से रोके हुए हैं। केंद्र व राज्य की मदद से जारी काम ही शहर में चल रहे हैं। ठेकेदारों को 110 करोड़ रुपए की राशि देना है। ऐसे में निगम के अंदरूनी सडक़ें तो पूरी तरह से गड्ढों से भरी है और कब सुधार शुरू होगा, किसी को नहीं पता।
सीपीए ने सुधार के नाम थेगड़े लगाए

केपिटल प्रोजेक्ट अथॉरिटी ने शाहपुरा से लेकर गुलमोहर और संबंधित क्षेत्र की सडक़ों को दुरूस्त किया है, लेकिन इसमें गड्ढ़ों में थेगड़े लगाने का काम ही हुआ। ये डामर के थेगड़े भी उखडऩे और उभरने लगे है। लोग सीपीए की सडक़ों पर फैली बजरी से फिसलन व धूल से दिक्कत में हैं।
इनके दावे हुए हवा हवाई

– पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण यंत्री वीके आरक को उनकी सडक़ों को दुरूस्त करने का जिम्मा था। नीलबड़-रातीबड़ क्षेत्र की स्कूल-कॉलेज जाने वाली सडक़ों को दुरूस्त करना था। मंत्रियों से लेकर अन्य अफसरों ने उन्हें काम शुरू कर जल्द पूरा करने का कहा, लेकिन काम नहीं कर पाए। आरक का कहना है कि हम काम कर रहे है। कई जगह काम किया है। ठेकेदारों को मेंटेनेंस का कह दिया है। अब देखते हैं किसने कितना काम किया।
– नगर निगम के अपर आयुक्त कमल सोलंकी का कहना है कि निगम की सडक़ें अंदरूनी है और अधिकतर बेहतर है। ठेकेदारों से काम शुरू करने का कहा है। डामर का काम कराया जा रहा है। भुगतान पर चर्चा हो रही है। पार्ट पैमेंट किए जा रहे हैं।
– सीपीए के अधीक्षण यंत्री जवाहर सिंह का कहना है कि सीपीए की सडक़ों पर डामरीकरण व सीमेंटीकरण कराया है। उनकी सडक़ें काफी कम खुदी थी। वे कहते हैं यदि पेंचवर्क में कहीं खराबी आई है तो उसे फिर से किया जाएगा।
सडक़ विकास प्राधिकरण का मामला ठंडे बस्ते में
शहर में अलग-अलग एजेंसियों के पास सडक़ों को एक अलग सडक़ विकास प्राधिकरण बनाकर सुपूर्द करने का प्रस्ताव महापौर आलोक शर्मा ने दिया था। इसपर वित्त विभाग के साथ बैठक भी हुई। नगर निगम के तत्कालीन अपर आयुक्त वीके चतुर्वेदी ने सभी एजेंसियों से बैठकें करके सडक़ों के वार्डवार नक् शे भी बनवाए, लेकिन बाद में सब ठंडे बस्ते में चला गया।
सडक़ और उनके जिम्मेदार

– 1494 किमी की सडक़ें नगर निगम के पास, इसमें अधिकतर अंदरूनी व कॉलोनियों की सडक़ें हैं
– 411 किमी की सडक़ें पीडब्ल्यूडी के पास है। इसमें अधिकतर शहर की प्रमुख सडक़ें शामिल है।
– 68 किमी की सडक़ें सीपीए के पास। इसमें पॉश क्षेत्र की सडक़ें शामिल है।
– 527 किमी की सडक़ें बीडीए, हाउसिंग बोर्ड, नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे आदि के पास है।
– 2600 किमी लंबी शहर की कुल सडक़ें हैं।
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