भोपाल

खतरे की घंटी, राजधानी में भी बेतहाशा भाग रही जर्जर बसें

तेज रफ्तार यात्री बस के नदी में गिरने की घटना ने एक बार फिर खतरे की घंटी

भोपालDec 04, 2019 / 01:55 pm

हर्ष पचौरी

हाशिए पर प्रोजेक्ट सिटी बस : तीसरी बार भी खाली गई निविदा, उपनगरीय सेवा पर संकट, चलाने को कोई तैयार नहीं, एक ने भी नहीं की भागीदारी

भोपाल/ नादरा बस स्टेंड पर खटारा बसों को ऊपर से बना दिया जाता है टिपटॉप अंदरूनी पुर्जों के खराब होने के बावजूद ज्यादा कमाई के लिए तेज भागती हैं बसें दिखावे के लिए लगी स्पीड गर्वनर डिवाइस को इंजन से नहीं जोड़ते ऑपरेटर भोपाल। रायसेन में तेज रफ्तार यात्री बस के नदी में गिरने की घटना ने एक बार फिर खतरे की घंटी बजा दी है। राजधानी में भी एेसी बसों को देखा जा सकता है जो बेहद जर्जर हालत में होने के बावजूद यात्रियों से ठसाठस भरकर हवा की गति से चलती हैं।

हर जिले में फ्लाइंग स्क्वॉड बनाई

पूर्व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बस ऑपरेटरों की मनमानी रोकने के लिए हर जिले में फ्लाइंग स्क्वॉड गठित की थी। कांग्रेस शासन आने के बाद विभागीय मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने भी ये व्यवस्था लागू को जारी रखा है। फ्लाइंग स्क्वॉड को अधिकार दिए गए हैं कि नियम तोडऩे वाली बसों को मौके पर जप्त कर थाने में खड़ा करवाया जाए। विभाग ने हाल ही में प्रस्ताव तैयार किया है कि इन बस ऑपरेटरों का रजिस्ट्रेशन और अस्थाई परमिट भी निलंबित कर दिए जाएं। फ्लाइंग स्क्वॉड की कार्रवाई फिलहाल छोटे वाहनों और स्कूल वेन तक सीमित रहती है। परमिट निरस्त करने का प्रस्ताव अभी मंजूर नहीं हुआ है।

भोपाल से स्टेट परमिट के रूट

इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सतना, सीधी, सागर, बालाघाट, छिंदवाड़ा

जर्जर बसों के संचालन पर पूरी तरह से रोक है। हर जिले में इसके लिए फ्लाइंग स्क्वॉड गठित की गई है। यातयात पुलिस के साथ मिलकर प्रतिमाह अभियान चलाया जाता है। – संजय सोनी, उपायुक्त, परिवहन

नियम विरुद्ध बसों का संचालन करने वाले ऑपरेटर संगठन में शामिल नहीं हैं। वैधानिक तरीके से बसों का संचालन करने वाले सभी नियमों के तहत व्यापार करते हैं। – गोविंद शर्मा, अध्यक्ष, बस ऑपरेटर एसोसिएशन

 

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