वाल्मी पहाड़ी रोड पर गत वर्ष 12-13 जुलाई की रात दो स्थानों पर लैंडस्लाइड हुआ था और पहाड़ी का मलबा सड़क के बीच आ गिरा था। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने इस लैंडस्लाइड के मलबे को सड़क से हटवा दिया। यहां वाइल्ड एनिमल्स का मूवमेंट है और घूमने के लिए प्रेमी युगल अकसर पहाड़ी के नीचे ही बाइक या कार खड़ी करके बातचीत में मशगूल रहते हैं। इस लैंडस्लाइड के बाद पीडब्ल्यूडी अधिकारी टो-वॉल बनाकर अन्य सुरक्षा इंतजाम करने की बात कही थी, लेकिन कुछ किया नहीं।
चूनाभट्टी नहर से विज्ञान पहाड़ी रोड स्थित शासकीय यूनानी मेडिकल कॉलेज के पास बने माता मंदिर की पहाड़ी से हर साल बरसात में पत्थर खिसककर रोड पर आ गिरते हैं। कुछ दिन पूर्व भी कुछ बड़े पत्थर खिसककर गिरे। पत्थर इतने बड़े थे कि कार पर भी गिरते तो चकनाचूर हो जाती। स्थानीय लोग बताते हैं कि यह सड़क सीपीए ने पहाड़ी काटकर बनाई थी। सड़क बनाते समय सीपीए के इंजीनियर्स ने वर्षों पुराने मंदिर को नजरअंदाज किया।
पहाड़ी इस तरह काटी गई कि मंदिर की नींव के पत्थर हिल गए। पत्थरों का स्खलन रोकने के लिए सीपीए ने जाली या कोई अन्य इंतजाम नहीं किया। हालत इतनी खराब हो गई है कि अधिका बारिश में मंदिर धराशायी हो सकता है। इस सड़क पर 24 घंटे वाहनों का आवागमन रहता है। आयुवेर्दिक, होम्योपैथिक व यूनानी मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राएं व स्टाफ और मरीज/तीमारदार भी गुजरते हैं।
कई बार स्टूडेंट्स की बाइक अचानक रास्ते में पत्थर आने से गिर चुकी हैं। यहां से पत्थर किसी के सिर पर गिरा तो मौत निश्चित है।
वाल्मी रोड पर कहां, क्या स्थिति है, इसका स्थलीय परीक्षण कराया जाएगा। इसके बाद सुरक्षा के उपाय किए जाएंगे।
– ज्ञानेश्वर उइके, चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी इस बारे में टीम भेजकर मौके पर दिखवाता हूं कि क्या किया जा सकता है।
– राजेश सूद, कार्यपालन यंत्री, सीपीए-1