रिपोर्ट के मुताबिक मई में शहर में 210 सड़क दुर्घटनाएं रिपोर्ट की गईं, इसमें से करीब तीस फीसदी इन तीन जोन में हुई हैं। इसके साथ ही करोंद से निशातपुरा और आरआरएल तिराहे से मिसरोद थाने तक का हिस्सा भी डेंजर जोन में चिह्नित किया गया है। रिपोर्ट से पता चलता है कि इन स्थानों पर होने वाले एक्सीडेंट में घायल ज्यादातर 18 से 25 साल के युवा रहे। शाम 6 बजे के बाद यहां खतरा और बढ़ जाता है।
शहर का ट्रैफिक इतना अव्यवस्थित हो गया है कि यहां करीब हर तीन घंटे में एक हादसा हो रहा है। रिपोर्ट से मिले आंकड़ों के मुताबिक मई में शहर में 210 सड़क हादसों की सूचना मिली। यानी हर दिन शहर में सात और 3.4 घंटे में एक सड़क दुर्घटना हो रही है।
: अभिभावक यह ध्यान रखें कि बिना बताए बच्चे गाड़ी लेकर कहां जा रहे हैं। उन्हें निरंतर समझाइश दें।
: अगर गाड़ी देना जरूरी ही हो तो उनकी ड्राइविंग पर नजर रखें। गलती करने पर सख्ती बरतें।
सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं रोड क्रॉसिंग के दौरान होती हैं। कई वाहन चालक रेड सिग्नल में भी गाड़ी निकालने की कोशिश करते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। वहीं आनंद नगर चौराहे के आसपास सड़क किनारे लगे ठेलों और दुकानों से सड़क पर भीड़ बढ़ जाती है। इससे एक्सीडेंट होने की स्थिति बनी रहती है। युवा अब भी वाहन चलाने वाले सिग्नल और ट्रैफिक पुलिस के निर्देशों का पालन नहीं करते।
– संदीप दीक्षित, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त