शुरू में हल्की लगी आग ने अचानक खतरनाक रूप ले लिया तो इस आग पर काबू पाने के लिए टैंकरों तक की मदद लेनी पड़ी। रहवासी हुए परेशान:
जानकारी के अनुसार जाटखेड़ी क्षेत्र में लगाई गई इस आग से आसपास रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। रुचि लाइफस्केप सहित आसपास की कॉलोनियों में धुंआ भरने से यहां रहने वाले लोगों को परेशानी हुई।
जानकारी के अनुसार जाटखेड़ी क्षेत्र में लगाई गई इस आग से आसपास रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। रुचि लाइफस्केप सहित आसपास की कॉलोनियों में धुंआ भरने से यहां रहने वाले लोगों को परेशानी हुई।
दरअसल शुक्रवार को रुचि कॉलोनी के पिछे लगे खेतों के पास आग लगा दी गई। जिसके चलते धुंआ चारों ओर छा गया। ऐसे में लोगों के घरों में भी धुंआ आने से सभी को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
आग ने लिया विकराल रूप:
शुरू में लगी आग जहां हल्की थी, वहीं समय के साथ ये तेजी से बढ़ती गई। जिसके बाद इसने विकराल रूप धारण कर लिया। आग पर कोई बस नहीं चलने के कारण जैसे तैसे आग को कॉलोनी में घुसने से रोकने के लिए पानी के टैंकरों का सहारा लेना पड़ा। तब कहीं जाकर आग पर काबू पाया जा सका।
शुरू में लगी आग जहां हल्की थी, वहीं समय के साथ ये तेजी से बढ़ती गई। जिसके बाद इसने विकराल रूप धारण कर लिया। आग पर कोई बस नहीं चलने के कारण जैसे तैसे आग को कॉलोनी में घुसने से रोकने के लिए पानी के टैंकरों का सहारा लेना पड़ा। तब कहीं जाकर आग पर काबू पाया जा सका।
हो सकती थी बड़ी घटना!:
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है आग ने जैसे ही भयानक रूप धारण किया वो रुचि कैंपस की ओर चली आई। आग की भयानकता को देखते हुए साफ लग रहा था कि ये कॉलोनी के कई मकानों को भी अपनी चपेट में ले सकती है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है आग ने जैसे ही भयानक रूप धारण किया वो रुचि कैंपस की ओर चली आई। आग की भयानकता को देखते हुए साफ लग रहा था कि ये कॉलोनी के कई मकानों को भी अपनी चपेट में ले सकती है।
इस अंदेशे के सामने आने के बाद आग पर काबू पाने की कोशिश की गई लेकिन सब बेकार ही रहा। जिसके बाद तुरंत ही पानी का टैंकर मंगा कर आग पर बमुश्किल काबू पाया जा सका।
ये हैं आदेश
पूर्व में जो आदेश पारित हुए थे उनके अनुसार प्रदेश के खेतों में फसल काटने के बाद नवाई जलाने पर जुर्माना लगाया जाना निश्चित किया गया था। यह आदेश राज्य सरकार ने जारी किए थे। बावजूद इसके यदि नरवाई जलाई जाती है तो 15 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
पूर्व में जो आदेश पारित हुए थे उनके अनुसार प्रदेश के खेतों में फसल काटने के बाद नवाई जलाने पर जुर्माना लगाया जाना निश्चित किया गया था। यह आदेश राज्य सरकार ने जारी किए थे। बावजूद इसके यदि नरवाई जलाई जाती है तो 15 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण प्रदूषण एवं नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत धान व गेहूं की फसल कटाई के बाद बची फसल को जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। जिसके बाद राज्य के पर्यावरण विभाग ने पिछले दिनों इसकी अधिसूचना जारी करने के बाद आदेश भी जारी कर दिए थे।
साथ ही सभी कलेक्टर्स को भी यह आदेश भेजा था। इसके अलावा जुर्माने की कार्रवाई सख्ती से करने के लिए कहा गया है। जुर्माना कितना :
नरवाई जलाने पर अब दो एकडृ से कम कृषि भूमि वाले किसान को 2500 रुपए, दो एकड़ से ज्यादा व पांच एकड़ से कम कृषि भूमि वाले को पांच हजार और पांच एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि वाले को पंद्रह हजार रुपए तक का जुर्माना लगेगा। यह जुर्माना पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में वसूला जाएगा।
नरवाई जलाने पर अब दो एकडृ से कम कृषि भूमि वाले किसान को 2500 रुपए, दो एकड़ से ज्यादा व पांच एकड़ से कम कृषि भूमि वाले को पांच हजार और पांच एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि वाले को पंद्रह हजार रुपए तक का जुर्माना लगेगा। यह जुर्माना पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में वसूला जाएगा।