हज कमेटी ने आवेदन जमा करने की तारीख दूसरी बार बढ़ाई है। आवेदन के लिए प्रक्रिया 18 अक्टूबर से शुरू हुए थे। इस दौरान नवम्बर अंतिम तारीख घोषित हुई थी। फार्म जमा करने 16 नवम्बर अंतिम तारीख तय की गई। इसके कमेटी ने तारीख आगे बढ़ाकर 12 दिसम्बर कर दी। फिर तारीख आगे बढ़ाते हुए इसे 19 दिसम्बर कर दिया गया।
प्रदेश से अब तक 15 हजार आवेदन
पिछली बार के मुकाबले इस बार हज के लिए आवेदनों की संख्या कम है। करीब 22 हजार फार्म जमा हुए थे। जबकि इस बार अब तक करीब 15 हजार लोगों ने ही हजयात्रा के लिए आवेदन किए हैं। आवेदन जमा करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद हज कोटा और दूसरे मामलों में कार्रवाई आगे बढ़ेगी।
पिछली बार के मुकाबले इस बार हज के लिए आवेदनों की संख्या कम है। करीब 22 हजार फार्म जमा हुए थे। जबकि इस बार अब तक करीब 15 हजार लोगों ने ही हजयात्रा के लिए आवेदन किए हैं। आवेदन जमा करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद हज कोटा और दूसरे मामलों में कार्रवाई आगे बढ़ेगी।
पहले चुने जाएंगे रिजर्व केटेगरी से लोग
जमा हो रहे फार्म में कमेटी ने रिजर्व केटेगरी भी तय कर रखी है। एक केटेगरी में वे लोग हैं जो 70 साल की उम्र पार कर चुके हैं वहीं दूसरी ओर वे लोग हैं जिन्होंने पांच बार हजयात्रा के लिए आवेदन तो किया लेकिन चयन नहीं हो पाया। कोटा तय होने के बाद पहले इनमें से चुना जाएगा। इसके बाद सामान्य हजयात्रियों के चयन की बारी आएगी।
जमा हो रहे फार्म में कमेटी ने रिजर्व केटेगरी भी तय कर रखी है। एक केटेगरी में वे लोग हैं जो 70 साल की उम्र पार कर चुके हैं वहीं दूसरी ओर वे लोग हैं जिन्होंने पांच बार हजयात्रा के लिए आवेदन तो किया लेकिन चयन नहीं हो पाया। कोटा तय होने के बाद पहले इनमें से चुना जाएगा। इसके बाद सामान्य हजयात्रियों के चयन की बारी आएगी।
दो साल पहले सामान्य हजयात्रियों को नहीं मिला था मौका हजयात्रा की रिजर्व केटेगरी के चलते हजयात्रा 2016 के दौरान सामान्य हजयात्रियों का चयन ही नहीं हो पाया। दरअसल प्रदेश को हजयात्रा का जो कोटा मिला उसके ज्यादा संख्या में रिजर्व केटेगरी के आवेदन पहुंच गए। ऐसे में कमेटी को सारी सीटें रिजर्व केटेगरी में आवेदन करने वालों को देना पड़ी थी। प्रदेश को हजयात्रा का कोटा कम मिलने के कारण ये हालात बने थे।
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हजयात्रा के आवेदन करने की तारीख आगे बढ़ा दी गई है। अब 19 दिसम्बर तक आवेदन किए जा सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफ लाइन प्रक्रिया रहेगी। दाउद अहमद, सीईओ स्टेट हज कमेटी