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अफसरों ने दबा दी उनकी आवाज, गंभीरता से जांच कराए तो कई और आएंगे सामने

locationभोपालPublished: Sep 15, 2018 02:03:30 am

Submitted by:

Bharat pandey

अगस्त में हॉस्टलों की जांच के दौरान ही एमपी अवस्थी की करतूत पीडि़तों ने बताई थी

deaf-dumb young men

deaf-dumb young men showed their courage by performing

भोपाल। अगस्त में अवधपुरी इलाके में मूक-बधिर युवतियों से दुष्कर्म-छेड़छाड़ करने वाले हॉस्टल संचालक अश्विनी शर्मा की करतूत उजागर होने के बाद जिला प्रशासन, सामाजिक न्याय विभाग ने सरकारी अनुदान से संचालित हॉस्टलों की छानबीन का दावा किया था। इस दौरान एमपी अवस्थी के बैरागढ़ स्थित साईं विकलांग अनाथ आश्रम संस्था की भी जांच की गई थी।

अफसरों को उसके आश्रम में सब कुछ ठीक मिला था, जबकि पीडि़त युवतियों का कहना है कि उस समय भी मौके पर मिले कई छात्रों ने अफसरों से अवस्थी की प्रताडऩा और शोषण की शिकायत की थी। सामाजिक न्याय विभाग के अफसर अवस्थी की करतूतों को दबा गए। उस समय अधिकारियों ने मीडिया को भी राजधानी के सभी हॉस्टलों का तीन दिन दौरा कर जांच पूरी कर लेने की जानकारी दी थी।

अश्विनी शर्मा की तरह ही सामाजिक न्याय विभाग एमपी अवस्थी के साईं विकलांग अनाथ आश्रम पर सरकारी अनुदान लुटाता रहा है। वर्ष 2017 में होशंगाबाद में भी अवस्थी के खिलाफ गंभीर यौन शोषण की शिकायत तत्कालीन कलेक्टर अविनाश लवानिया को हुई थी। इस पर उन्होंने अवस्थी का आश्रम बंद करा दिया था। फिर भी अवस्थी ने भोपाल आकर बैरागढ़ में फिर से आश्रम खोला और सामाजिक न्याय विभाग के अफसरों से साठगांठ कर हर माह लाखों रुपए का अनुदान लेने लगा। अफसर उसके आश्रम में बच्चे भी भेजने लगे। जिम्मेदार अफसर उसकी करतूतों पर चुप्पी साधे रहे। शुक्रवार को पीडि़तों के प्रदर्शन और शिकायत के बाद भी लापरवाह अफसर जांच कराने का रटा-रटाया बयान देकर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं।

गैर जिम्मेदाराना रवैया
मूक बधिर युवक-युवतियों ने गेट पर प्रदर्शन कर आपबीती बताई। जब वे शिकायती आवेदन देने संचालक के पास पहुंचे, तब कर्मचारियों ने कहा कि आवेदन यहीं दे दीजिए। फिर मीडिया की मौजूदगी और मूक-बधिरों का आक्रोश देख कर्मचारी बोले- 4-5 लोग मिलने चले जाएं। पीडि़त जब नहीं माने तब संचालक कृष्ण गोपाल तिवारी ने सभी से बंद हॉल में चर्चा की। मीडिया को कुछ भी बताने से इंकार करने लगे।

‘जुल्मी’ को अभयदान!
अश्विनी शर्मा को अनैतिक तरीके से सरकारी अनुदान जारी करने वाले अफसरों को सामाजिक न्याय विभाग की तरफ से अभयदान दिया जा चुका है। पुलिस की जांच में सामाजिक न्याय विभाग के कई अफसरों की सीधे तौर पर लापरवाही उजागर हुई थी। पुलिस ने विभाग के आला अफसरों से पत्राचार कर दोषियों की जानकारी मांगी, लेकिन उन्होंने अब तक जवाब नहीं दिया।

आक्रोश में टेबलें पीटी
साईं विकलांग आश्रम बैरागढ़ के संचालक के खिलाफ यौन उत्पीडऩ मामले में सामाजिक न्याय विभाग पहुंचे युवक-युवतियां साढ़े चार घंटे आक्रोश जताते रहे। सुबह 11 बजे से यह सिलसिला दोपहर साढ़े तीन बजे तक चलता रहा। युवतियों ने कार्यालय के सामने इशारों में प्रदर्शन किया। कार्यालय के अंदर बैठकर जोर-जोर से टेबल बजाकर अपनी पीड़ा जाहिर की।

रोते हुए बोले- कोई नहीं सुनता
सा माजिक न्याय विभाग कार्यालय के हॉल में विभाग के संचालक कृष्ण गोपाल तिवारी ने मूक बधिर युवक-युवतियों की पीड़ा सुनी। पीडि़तों ने रोते हुए दर्द बयां किया। श्रद्धा शुक्ला ने साइन लैंग्वेज में इनकी बात अधिकारियों को समझाई। युवतियों का कहना था कि हमारे साथ कई सालों से जुल्म हो रहा है। इसकी शिकायत भी होशंगाबाद पुलिस और कलेक्टर से की थी, लेकिन हमारा शोषण चलता रहा। विभागीय अधिकारी भी शिकायत को गंभीरता से नहीं लेते। संचालक बोले- हम भोपाल और होशंगाबाद कलेक्टर, एसपी को एफआईआर के लिए पत्र लिख रहे हैं। आप यहां से कलेक्टर कार्यालय जाएं, संयुक्त संचालक से मिलकर एफआईआर दर्ज कराएं।

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