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100 रुपए के स्टाम्प पर हो रहे सौदों ने बिगाड़ी शहर की सूरत, मास्टर प्लान में बड़ा रोड़ा, शहर की प्राइम लोकेशन पर ही बसी हैं 45 हजार से ज्यादा झुग्गी

locationभोपालPublished: Oct 22, 2021 09:50:55 pm

– जिले में 2018 के सर्वे में 85 जगहों पर 1,02,803 झुग्गी, इसमें रहते हैं 4,79,699 लोग, हाउसिंग फॉर ऑल में मकान मिलने के बाद तेजी से और बढ़ रही

100 रुपए के स्टाम्प पर हो रहे सौदों ने बिगाड़ी शहर की सूरत, मास्टर प्लान में बड़ा रोड़ा, शहर की प्राइम लोकेशन पर ही बसी हैं 45 हजार से ज्यादा झुग्गी

जिले में 2018 के सर्वे में 85 जगहों पर 1,02,803 झुग्गी, इसमें रहते हैं 4,79,699 लोग, हाउसिंग फॉर ऑल में मकान मिलने के बाद तेजी से और बढ़ रही

प्रवेंद्र तोमर

भोपाल. 100 या 50 रुपए के स्टाम्प पर दान पत्र की आड़ में हो रहे सौदों ने शहर की सूरत बिगाड़ दी है। मास्टर प्लान में भी ये सबसे बड़ा रोड़ा बन गईं हैं। क्योंकि शहर की ज्यादातर पॉश लोकेशन, यहां तक की वल्लभ भवन के सामने तक झुग्गी बस्ती बस गई है। इसके अलावा सुभाष नगर, हबीबगंज, बावडिय़ाकला, कोलार, शाहपुरा, एयरपोर्ट रोड, नारियलखेड़ा, गोविंदपुरा, अयोध्या बायपास, अरेरा हिल्स, श्यामला हिल्स, करोद, डीआईजी बंगला, बैरसिया रोड तक झुग्गियों का साम्राज्य है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये धंधा भी राजनीति, प्रशासनिक, कुछ पंचायतों के सरपंच, सचिव की मिलीभगत से चलता है। पत्रिका ने शहर में लगातार बस रही झुग्गियों को लेकर पड़ताल की तो पता चला कि शहर में विधानसभावार झुग्गी बसाने में 500 से ज्यादा दलाल सक्रिय हैं। सौ या पचास रुपए के स्टाम्प पर दान पत्र की आड़ में 30 से 70 हजार रुपए तक की झुग्गी की खरीद फरोख्त चल रही है। इसके बाद बनता है उसका वोटर कार्ड। क्योंकि नेता जी को वोट भी यही देंगे। वर्ष 2018 में आखिरी बार सर्वे हुआ जिसमें जिले में 118 लोकेशनों पर 1,02,803 झुग्गी बस चुकी थीं। जिसमें 4,79,699 लोग रहते हैं। इसमें से 45 हजार झुग्गी तो शहर की प्राइम लोकेशन पर हैं। 2020 में ये संख्या बढ़क सवा लाख झुग्ग्ी तक पहुंच गई है। लगातार इनकी संख्या बढ़ रही है।
इस वजह से बढ़ रही है तेजी से संख्या
सरकारी जमीनों पर झुग्गी में रह रहे लोगों को विस्थापित करने के लिए हाउसिंग फॉर ऑल प्रोजेक्ट चल रहा है। शहर की प्राइम लोकेशनों पर कई जगह प्रोजेक्ट आ चुके हैं, जैसे मेट्रो के रूट पर पुल बोगदा पर आजाद नगर बस्ती की 250 झुग्गी। अब इनको शिफ्ट करना प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। प्रशासन इनको हाउसिंग फॉर ऑल के तहत बने मकानों में शिफ्ट करना चाहते हैं, लेकिन मेट्रो का मुख्य जंक्शन बनने के कारण ये लोग यहां से पीछे होने को तो तैयार हैं, लेकिन इस क्षेत्र को छोडऩा नहीं चाहते।
प्राइम लोकेशन की झुग्गी ज्यादा महंगी

राजधानी में तेजी से विकास हो रहा है, ऐसे में जमीनों की कमी पड़ रही है। जिले की कई सैकड़ा हैक्टेयर जमीन पर अलग-अलग लोकेशन पर झुग्गी बसी हैं। इसमें काफी प्राइम लोकेशन हैं। उदाहरण के लिए अगर वल्लभ भवन के सामने किसी बड़े प्रोजेक्ट या सरकारी काम के लिए जमीन की जरूरत पड़ी तो यहां बनी झुग्गियों को शिफ्ट करने के लिए कड़ी मश्क्कत करनी होगी। इन्हीं कारणों की वजह से शहर की प्राइम लोकेशन पर झुग्गी की डिमांड ज्यादा है। वहीं शहर से सटे आउटर में झुग्गी की कीमत 20 से 40 हजार रुपए है। अधिकांश के सौदे 50-100 रुपए के दान पत्र पर ही होते हैं।
2018 के सर्वे में सर्किल के आधार पर बसी झुग्गी

हुजूर– 8500
गोन्दिपुरा 6290

टीटी नगर 5500
बैरागढ़ 6800

शहर वृत 2541
बैरसिया 865

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बड़ी बस्ती झुग्गियां

अन्ना नगर–800 से ज्यादा

इंदिरा नगर 4000
ईश्वर नगर 4000
वल्लभ नगर व भीम नगर 2500
रूप नगर 1000

दुर्गा नगर 500 से ज्यादा
दामखेड़ा 300 से ज्यादा झुग्गी

कोलार 2000 से ज्यादा
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16 साल से अटका मास्टर प्लान, कई सड़कों पर ही बसी झुग्गी
– शहर विकास का ड्राफ्ट मास्टर प्लान पिछले 16 साल से अटका पड़ा है। वर्ष 2005 के मास्टर प्लान में जो सड़कें 30 मीटर चौड़ी थीं, वह नए नक्शों में 12 से 15 मीटर ही रह गईं।
– भोपाल विकास योजना 2005 का नियोजन क्षेत्र 601 वर्ग किलोमीटर और 2031 के लिए प्रस्तावित योजना क्षेत्र 1,016.9 वर्ग किलोमीटर है। ऐसे में कई स्थानों की जमीनों का लैंडयूज भी बदला जाएगा। बड़ी संख्या में झुग्गी हटेंगी।
– मास्टर प्लान की 26 सड़कें नहीं बन पाईंमास्टर प्लान में तय की गई करीब 26 सड़कें आज तक नहीं बन सकीं। अतिक्रमण और भू-अर्जन की वजह से ये अटकी हुई हैं।

– सिंगारचोरी रेलवे क्रॉसिंग से बैरसिया रोड 4.47 किलोमीटर तक की सड़क पर अवैध कॉलोनियां कट चुकी हैं। औरा मॉल से शाहपुरा सी-सेक्टर की 1.56 किमी. तक की सड़क पर प्लॉटिंग और झुग्गी बसी हैं।
जय सिंह, दलाल, कान्हासैया

सवाल: कान्हासैया में एक झुग्गी चाहिए मिल जाएगी?

जवाब: झुग्गी मिल जाएगी, अगर प्लॉट की जरूरत हो तो बताओं वो भी है।

सवाल: फिलहाल तो एक झुग्गी की जरूरत है, एक मजदूर के लिए चाहिए?
जवाब: मिल जाएगी, रेट थोड़ा ज्यादा हो गया है, सख्ती काफी हो गयी है। करीब 70 हजार रुपए देने होंगे।

सवाल: ये तो बहुत ज्यादा हैं, इतने में तो शहर में मिल जाएगी, रेट कम करो।
जवाब: अभी तो यही रेट है, लेना हो तो बता देना।

वर्जन

झुग्गी के मामले में लोगों को हाउसिंग फॉर ऑल के तहत घर देकर शिफ्ट किया जा रहा है। इसके लिए हाल ही में 13 हैक्टेयर जमीन और निगम को दी है। रहा सवाल अतिक्रमण का तो अफसर इन पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। कई अवैध कॉलोनी और झुग्गियों को हटाया गया है। नए अतिक्रमणों पर अफसरों की निगाह रहती है।
अविनाश लवानिया, कलेक्टर

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