भोपाल

मेडिकल कॉलेज में ओबीसी आरक्षण के बिना होगी डीन की भर्ती

सरकार ने आरक्षण का कौनसा रोस्टर लगाया अधिकारी भी असमंजस में

भोपालFeb 10, 2024 / 01:06 pm

brajesh tiwari

सरकार ने आरक्षण का कौनसा रोस्टर लगाया अधिकारी भी असमंजस में

मुरारी सोनी
सागर. प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में डीन की नई भर्तियों में ओबीसी के लिए आरक्षित पद नहीं हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नए आरक्षण रोस्टर के जरिए जिन 18 पदों पर साक्षात्कार के जरिए भर्तियों के लिए आवेदन मांगे हैं उनमें एससी-एसटी को छोड़कर सभी पद सामान्य हैं। वहीं महिलाओं के लिए भी कोई पद आरक्षित नहीं है। इस मामले में ओबीसी संगठन से जुड़े पदाधिकारी अब न्यायालय की शरण में जाने और आंदोलन करने की तैयारी में हैं।
ओबीसी के सभी पद हटाए-
6 फरवरी 2024 को चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने मप्र के मेडिकल कॉलेजों में अधिष्ठाता के 18 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है। जिसमें सीधी भर्ती प्रक्रिया के इंटरव्यू के आधार पर डीन का चयन होगा। 13 संचालित मेडिकल कॉलेजों के लिए और 5 स्वीकृत हो चुके मेडिकल कॉलेज के लिए डीन नियुक्त किए जाएंगे। 18 पदों में सिर्फ एसटी-एससी के लिए 3-3 पद आरक्षित रखे गए हैं बाकी सभी 12 पद सामान्य हैं। ओबीसी के लिए एक भी पद आरक्षित नहीं किया गया है।
विस चुनाव से पहले यह था आरक्षण-
5 अक्टूबर 2023 को चिकित्सा शिक्षा आयुक्त कार्यालय द्वारा प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों के लिए 13 अधिष्ठाता पद के लिए भर्ती निकाली गईं थीं। जिसमें सामान्य के लिए 3, ओबीसी 2, एससी 2, एसटी 2, ईडब्ल्यूएस 1, सामान्य महिला 1, ओबीसी महिला 1, एसटी महिला के लिए 1 पद आरक्षित किया गया था।
ईडब्ल्यूएस कोटा किस लिए-
विभाग ने चुनाव से पहले ईडब्ल्यूएस के लिए भी पद आरक्षित किया था, जबकि डीन के पद के लिए कोई भी प्रोफेसर आवेदन करता तो उसका ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट ही नहीं बनता, क्योंकि प्रोफेसर की सैलरी ही एक से डेढ़ लाख रुपए माह होती है जो कि इस सर्टीफिकेट के लिए हकदार नहीं होते।
डीन पद के लिए जरूरी योग्यता-
स्नातकोत्तर चिकित्सा डिग्री।
-प्रोफेसर/एसोसिएट के रूप में 10 वर्ष का अनुभव।
-कम से कम 5 साल विभाग में प्रोफेसर रहे हों।
-1 जनवरी 2024 की स्थिति में उम्र 65 वर्ष पूर्ण न किए हो।
-29 फरवरी तक शाम 5 बजे तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
आरक्षण के लिए आंदोलन करेंगे
पूर्व में नियुक्तियों का जो विज्ञापन निकाला गया था उसमें ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान था। अब जो नया विज्ञापन निकाला गया है उसमें ओबीसी के लिए कोई भी पद आरक्षित नहीं है। यह अन्य पिछड़ा वर्ग की 52 प्रतिशत आबादी के साथ अन्याय है। मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 6 के अंतर्गत इस प्रकार की मनमानी कार्यवाही विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही का भी प्रावधान है। पिछड़ा वर्ग के सभी सामाजिक संगठन पूरे प्रदेश में इसके लिए आंदोलन करेंगे।
महेंद्र सिंह (पूर्व डिप्टी कलेक्टर), प्रांताध्यक्ष पिछड़ा वर्ग विकास मोर्चा।
विभागीय स्तर से नहीं हुअ यह शासन स्तर से हुआ है, मुझे इसका आइडिया नहीं है कि आरक्षण का कौनसा रोस्टर लगा है।
डॉ. अरुण श्रीवास्तव, डीएमई भोपाल।
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