महंगाई भत्ते में बढ़ी हुई राशि का भुगतान मई 2019 के वेतन से किया जाएगा। जो कि कर्मचारियों को जून 2019 में प्राप्त हुआ था।
वहीं जनवरी 2019 से अप्रैल 2019 यानि चार माह की बढ़ी हुई राशि को कार्यरत शासकीय सेवकों के सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा किया जाएगा। वहीं रिटायर्ड हो चुके कर्मचारियों यानि राष्ट्रीय पेंशन योजना के अभिदाताओं को इसका भुगतान नकद किया जाएगा।
ऐसे समझें पूरा गणित…
: महंगाई भत्ते का हिसाब यानि गणना छटवें वेतनमान में वेतन बैंड में वेतन व ग्रेड वेतन के योग और सातवें वेतनमान में निर्धारित मूल वेतन पर की जाएगी।
: वहीं महंगाई भत्ते में 50 पैसे या उससे अधिक पैसे को अगले रुपए यानि उच्चतर रुपए के अनुसार माना जाएगा, जबकि 50 पैसे से कम की राशि को छोड़ दिया जाएगा।
: महंगाई भत्ते का कोई भी भाग किसी भी कारण से वेतन के रूप में नहीं माना जाएगा।
: साथ ही महंगाई भत्ते के भुगतान पर किया गया खर्च संबंधित विभाग के चालू वर्ष के स्वीकृत बजट प्रावधान से अधिक नहीं होगा।
अवधि जब से देय | महंगाई भत्ते में वृद्धि का प्रतिशत |
7वें वेतनमान में देय महंगाई भत्ते की दर दिनांक 1 जनवरी 2019 से (जनवरी 2019 का वेतन जो फरवरी 2019 में देय) | 3 प्रतिशत (कुल 12 प्रतिशत) |
6वें वेतनमान में देय महंगाई भत्ते की दर दिनांक 1 जनवरी 2019 से (जनवरी 2019 का वेतन जो फरवरी 2019 में देय) | 6 प्रतिशत (कुल 154 प्रतिशत) |
इससे पहले केंद्र की मोदी सरकार ( Modi government ) की तरह ही प्रदेश की कमलनाथ सरकार ( mp government ) भी अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने की सूचनाएं सामने आ रही थी। सूचनाओं के अनुसार वित्त विभाग के प्रस्ताव पर सिर्फ मुख्यमंत्री कमलनाथ के हस्ताक्षर होना बाकी था।
900 करोड़ का आएगा बोझ
राज्य सरकार को तीन फीसदी महंगाई भत्ते को 1 जनवरी 2019 से लागू करना है। जिसका एरियर 450 करोड़ रुपए के करीब है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार को हर साल 900 करोड़ का अतिरिक्त बोझ भी आएगा।
केंद्र सरकार की तरह तीन फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश के कर्मचारी कमलनाथ सरकार पर दबाव बना रहे थे। इसकी मांग चुनाव के समय भी उठी थी। इसी के चलते कमलनाथ सरकार वित्त मंत्रालय ने प्रपोजल बनाकर मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए भेज दिया है। जिसका आज पत्र जारी हुआ।