अस्पताल प्रबंधन की माने तो ऐसे मामलों में सबसे बड़ी गड़बड़ी जिकित्जा की 108 एंबुलेंस द्वारा की जाती है। 108 एंबुलेंस लावारिस मरीजों को अस्पताल में छोड़ जाती है। जबकि नियमानुसार एंबुलेंस स्टाफ को उसे भर्ती कराकर कागजी कार्रवाई पूरी करनी होती है। इस कार्रवाई से बचने के लिए एंबुलेंस स्टाफ लावारिस मरीजों को अस्पताल के बाहर, झाडिय़ों या पार्र्किंग में छोड़ कर चले जाता है।
डॉ. एके श्रीवारस्तव, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल
भोपाल. पिछले तीन दिन से राजधानी में छाए रहने वाले बादलों के छंटने से बुधवार को दिन में ठंड का असर कम रहा, लेकिन इस बदलाव से रात का तापमान कम होने की संभावना है। दिन में धूप खिलने से दिन में राहत भी रहेगी। इससे इतर बुधवार को मौसम के मिजाज में कोई खास बदलाव नहीं दिखाई दिया। सुबह न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से तीन डिग्री कम था, वहीं शाम को अधिकतम तापमान 22.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के दिनों में किसी विक्षोभ के सक्रिय नहीं होने के चलते आगामी एक-दो दिनों में मौसम में बडा़ परिवर्तन आने की संभावना नहीं है। इस बीच सोमवार को नजर आया कोहरा पूरी तरह छंटने और बादलों के हट जाने के बाद ठंड का असर कुछ बढ़ सकता है, इसमें 14 से 15 किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाली ठंडी हवाएं अपना असर दिखा सकती हैं। प्रदेश में सबसे कम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस बैतूल में दर्ज किया गया। आगामी चौबीस घंटों में प्रदेश के अधिकांश इलाकों में मौसम शुष्क रहने एवं तापमान में मामूली बढ़ोतरी होने का अनुमान है।