इन अनुविभाग को किया सृजित
शिवराज की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में 47 नवीन अनुविभाग सृजित किये जाने को स्वीकृति प्रदान की। इसमें अशोकनगर के ईसागढ़, ग्वालियर जिले के भितरवार और घाटीगॉव गुना के आरोन, खण्डवा के पंधाना, बड़वानी के राजपुर, सीहोर के नसरूल्लागंज और इछावर, विदिशा के नटेरन और ग्यारसपुर, राजगढ़ के सारंगपुर, ब्यावरा तथा खिलचीपुर-जीरापुर, आगर मालवा के सुसनेर, खरगोन के भीकनगांव, अलीराजपुर के चन्द्रशेखर आजाद नगर (भाबरा) और सोंडवा, धार के बदनावर और सरदारपुर में अनुविभाग सृजित करने की स्वीकृति प्रदान की।
इसी के साथ ही बैतूल के शाहपुर, सागर के केसली व मालथौन, होशंगाबाद के इटारसी,पिपरिया तथा सिवनी मालवा, पन्ना के शाहनगर और गुन्नौर, कटनी के बहोरीबंद, नरसिंहपुर के गोटेगांव, हरदा के खिरकिया व टिमरनी, छतरपुर के बड़ामलेहरा, शहडोल के जैतपुर और जयसिंह नगर, सीधी के मझौली और सिहावल, सिंगरौली के चितरंगी और माड़ा, सतना के उचहेरा, सिवनी के कुरई और बरघाट, बालाघाट के लांजी, उमरिया के मानपुर और पालीरीवा के हनुमना तथा मनगवां तथा जबलपुर के कुण्डम में नवीन अनुविभाग सृजित किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया।
यहां शुरू होंगे महाविद्यालय
इस बैठक में कई नवीन शासकीय कॉलेजों को स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। यह कॉलेज शाजापुर में गुलाना, सिंगरौली में माडा, उज्जैन में उन्हेल, झारडा तथा कायथा, टीकमगढ़ में बल्देवगढ, श्योपुर में ढोढर, खिमलासा व नरियावली, रतलाम में पिपलौदा, अशोकनगर में शाढोरा, धार में उमरवन, रीवा में वेंकटनगर व नष्टिगवां होशंगाबाद में डोलरिया, डिंडौरी में करंजिया, सहरई तथा पिपरई, रन्नौद व कराहल, नीमच में जीरन सीहोर में गोपालपुर, राजगढ़ में छापीहेडा, सिवनी में कुरई, समनापुर व अमरपुर देवास में पिपलरावां आगर मालवा में सोयतकलां मुरैना में कैलारस व बानमोर मंदसौर में दलौदा, सागर में बांदरी, शिवपुरी में बदरवास, छिंदवाडा में चौरई, मोहनगढ़ व लिधोरा, बालाघाट में लामता सतना में ताला तथा सिवनी मालवा में कन्या महाविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया।
इसके अलावा महाविद्यालयों में यह है खास
इसके साथ ही 11 शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय आरंभ करने का भी निर्णय लिया गया है। साथ ही 11 शासकीय महाविद्यालयों में भी स्नातकोत्तर विषय प्रारंभ करने का भी फैसला किया गया है। नरसिंहगढ़ तथा उज्जैन, खण्डवा, में शासकीय संगीत एवं ललित कला महाविद्यालयों के भवन निर्माण को अनुमोदन प्रदान करते हुए परियोजना को इसी तरह चालू रखने का फैसला किया गया है।
स्कूलों में बच्चों को दी जाएंगी यूनिफार्म
सरकारी स्कूलों में यूनिफार्म और उसकी सिलाई प्रदान करने का कार्य स्व सहायता समूहों को देने का फैसला किया गया है। आपको बता दें कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत कक्षा 1 से आठ तक पढ़ने वाले सभी बच्चों को गणवेश उपलब्ध किया जाता है।
शाला ज्योति योजना के अंतर्गत 97291 स्कूल जो विधुत रहित है। उन सभी स्कूलों में इस योजना के तहत विधुत उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसमें करीब 271 करोड़ रूपये खर्च होगा। साथ ही बच्चों के सुरक्षा के लिहाज से वृक्षारोपण व बाउंड्रीवाल बनाने का काम भी किया जाएगा। इस योजना के लिए वर्ष 2017-18 से 2019-20 की अवधि तक 50 करोड़ रूपये तथा मनरेगा से कन्वर्जेंस राशि रूपये 20 करोड़ 50 लाख रूपये पर सहमति प्रदान की गई।
छात्रावासों का निर्माण जारी रखें
इस बैठक में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा इस जाति के छात्र छात्राओं के लिए छात्रावासों के संचालन और निर्माण के लिए वर्ष वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर रखने का निर्णय लिया। साथ ही यह भी कहा गया कि यहां कर्मचारियों की नियुक्ति आउंटसोर्सिंग के माध्यम से की जाएं।
जन कल्याण योजना को मिली हरी झंडी
जन कल्याण (संबल) योजना 2018 के अंतर्गत श्रम विभाग द्वारा संचालित अनुग्रह राशि भुगतान, उपकरण अनुदान एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश/प्रतियोगी परीक्षा के लिये नि:शुल्क कोचिंग योजना व अंत्येष्टि सहायता प्रारंभ करने की बात कही गई। साथ ही अनुग्रह राशि भुगतान योजना के अंतर्गत 18 से 60 वर्ष आयु के पंजीकृत असंगठित श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख, सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख, स्थायी अपंगता की स्थिति में 2 लाख तथा आंशिक स्थायी अपंगता पर 1 लाख की सहायता का प्रावधान किया गया है।
इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को उपकरण क्रय के लिए बैंक से ऋण लेने की दशा में प्राप्त ऋण का 10 प्रतिशत अथवा 5 हजार रूपये दोनो में से जो कम होगा अनुदान के रूप में दिया जाऐगा। वे श्रमिक जो पंजीकृत है, असंगठित श्रमिकों के बच्चो को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश तथा यूपीएससी, पीएससी तथा बैकिंग आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था भी योजना में की गई है। इस योजना में अत्येष्टि सहायता के लिए 5 हजार रूपये नगद सहायता की व्यवस्था भी की गई। जिससे गरीबों को भला हो सके।
अवकाश की सीमा बढ़ाई गई
मंत्री परिषद ने कर्मचारियों के 240 दिन के अर्जित अवकाश को बढ़ाकर 300 दिन का कर दिया है। जिसे 1 जुलाई 2018 से लागू किया जाएगा। साथ ही संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय के 61 अस्थाई पदों को वर्ष 2019-20 तक निरंतर रखे जाने का फैसला भी किया गया है।
सफाई कर्मीयों को बनाया जाएगा टेक्नोफ्रेंडली
प्रदेश की सफाई व्यवस्था में लगे कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण जैसे टिंग मशीन, सेक्शन मशीन, मास्क आदि का अनुमोदन प्रदान किया। साथ ही इन लोगों को तकनीकि रूप से सक्षम बनाने की बात कही।
प्रमाण पत्र जारी किए जाने के निर्देश
इस बैठम में शहडोल जिले में रहने वाली कंवर जाति को स्थानीय बोली में कमर कहे जाने से होने वाली असुविधा के चलते व उसके निराकरण के लिए नको अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किये जाने के निर्देश को भी अनुमोदन प्रदान किया गया है।
किसानों को कृषक समृद्धि योजना का लाभ
किसानों को कृषक समृद्धि योजना का लाभ को लेकर भी निर्णय किया गया। बैठक में पर्याप्त मात्रा में बीज उपलब्धता के लिए कृषकों द्वारा बीज उत्पादन कार्यक्रम में पंजीकृत कृषकों को भी मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया। इस योजना के अंतर्गत रबी वर्ष 2017-18 में गेहूँ बीज के लिए रूपये 265 प्रति क्विंटल तथा चना, मसूर व सरसों बीज के लिए 100 रूपये प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन राशि पात्र कृषको के बैंक खाते में आरटीजीएस/एनईएफटी के माध्यम से भुगतान करने का निर्णय लिया गया।
किसानों को सिंचाई परियोजना के तहत भी बैतूल जिले की गढ़ा सिंचाई परियोजना के कुल सैंच्य क्षेत्र 8500 हेक्टर के लिए 307 करोड़ 52 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। इसी के साथ ही सीहोर जिले की सनकोटा सिंचाई परियोजना के कुल सैंच्य क्षेत्र 5000 हेक्टर के लिए 154 करोड़ 85 लाख रूपये तथा सीहोर जिले की ही मोगराखेडा़ सिंचाई परियोजना के कुल सैच्य क्षेत्र 4000 हेक्टर के लिए 105 करोड़ 72 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की।
वही दूसरी तरह रूरल हेल्थ को ध्यान में रखते हुए रायसेन जिले की गौहरगंज तहसील के ग्राम चिकलोद कलां 4.050 हेक्टेयर भूमि एम्स की स्थापना के लिए आवंटिक की गई है। नरसिंहपुर में गन्ना अनुसंधान केन्द्र की स्थापना के लिए 31.526 हेक्टेयर भूमि आवंटित करने का निर्णय भी लिया गया। साथ ही मारवाड़ी अग्रवाल समाज को सामाजिक भवन के लिए भोपाल शहर में 4000 वर्गफुट भूमि आवंटित करने का निर्णय भी लिया गया।