सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि समितियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में समितियों को दिक्कत आएगी। क्योंकि सामान्य तोर पर गेहूं की तुलाई और बोरे उठाने में कम से कम दो से तीन मजदूरों की जरूरत होती है। इसके अलावा तुलाई करने वाला वहां मौजूद रहेगा, अगर सभी के बीच में तीन-तीन मीटर की दूरी होगी तो ये काम कैसे हो पाएगा। इसके साथ ही कम्प्यूटर आपरेटर, कर्मचारियों के बीच में अगर तीन मीटर की दूरी होगी तो केन्द्र में जगह कहां से मिलेगी। लॉक डाउन होने से चूना, धागा और अन्य सामन की कैसे व्यवस्था हो पाएगी।
नहीं हुई क्वालिटी कंट्रोल की ट्रेनिंग
हर खरीदी केन्द्रों पर अनाज की क्वालिटी चेक करने के एक एक क्वालिटी कंट्रोलर होते हैं। क्वालिटी कंट्रोलरों को अभी तक ट्रेनिंग नहीं दी गई है। खरीदी करने में दो दिन और शेष हैं, इस बीच में उन्हें ट्रेनिंग देना भी मुश्किल है। अगर खरीदे गए अनाज की क्वालिटी में गड़बड़ी पाई गई तो यह भी समितियों के मत्थे आएगा। वहीं किसानों से अनाज खरीदी के लिए दस से बारह किसानों को उनके मोबाइल पर एमएमएस कर दिया गया है।