दिल्ली हाईकोर्ट ने दी मंजूरी
दिल्ली हाईकोर्ट ने आपराधिक मामलों में वाट्सऐप, टेक्स्ट मैसेज और इमेल के जरिए समन भेजने को मंजूरी दे दी। बीते माह जज सुरभि शर्मा वत्स ने घरेलू हिंसा मामले में यह व्यवस्था दी।
-दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में वाट्सअप के जरिए समन भेजने की व्यवस्था शुरू हो गई है। यही प्रक्रिया यदि मध्यप्रदेश को कोर्ट अपनाएंगे तो देखते ही देखते 14 लाख पेंडिंग केस निपट जाएंगे।
वाट्सअप से समन तामील कराने की प्रक्रिया के बाद अब लोगों की आदत भी बदल जाएगी। घर पर समन भेजा तो कोई लेने वाला नहीं। वारंट लेकर दफ्तर गए तो स्वीकार ही नहीं किया। अंतत वारंट लौटकर अदालत आ जाता है और फिर मिलती है तारीख पर तारीख। अब सोशल मीडिया से समन भेजा जाएगा जो उसी वक्त तामील समझा जाएगा।
वाट्सअप के जरिए कानूनी नोटिस भेजने वाला हरियाणा देश में पहला प्रदेश बन गया है। पिछले साल अप्रैल में वहां के वित्त आयुक्त की कोर्ट ने प्रापर्टी विवाद में एक पक्षकार को वाट्सअप के जरिए समन भेजा था। यह देश में अपने आप में पहला मामला था। वाट्सअप पर समन भेजने वाले प्रमुख हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका हैं।
-बताया जाता है कि हरियाणा की कोर्ट को वाट्सअप पर समन भेजने की जरूरत क्यों पड़ी इसके पीछे एक पक्ष का अपना गांव छोड़कर नेपाल की राजधानी काटमांडू चले जाना था। पत्राचार उस तक नहीं पहुंच पा रहा था। इसके बाद वाट्सअप का सहारा लिया गया।
-MP की विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों की संख्या 14 लाख से ज्यादा हो चुकी है। यह खुलासा विधि एवं न्याय मंत्रालय की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार मप्र हाईकोर्ट में जहां 2 लाख 73 हजार 827 मामले लंबित चल रहे हैं तो वहीं जिला व अधीनस्थ अदालतों में लंबित मामलों की संख्या 11 लाख 91 हजार 799 तक पहुंच चुकी है।
-हाईकोर्ट ने 1 लाख 20 हजार 20 मामलों का निराकरण भी किया। लंबित मामलों में सर्वाधिक संख्या अपराधिक मुकदमों की है। इनका आंकड़ा गत दिसंबर तक 10,8493 पहुंच गया था।
हाईकोर्ट की तीनों खंडपीठों में बीते सालों में दायर होने वाले मुकदमों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 2012 में जहां यह संख्या 24060 थी। 2015 में बढ़कर 57092 पहुंच गई । 2016 में यह आंकड़ा एक लाख को पार कर गया है। जबकि इसी दौरान निराकृत होने वाले मुकदमों की संख्या इनसे काफी कम रही।