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Breaking : राजधानी के जेपी अस्पताल में फर्श पर हुई डिलीवरी, डॉक्टर बने रहे असंवेदनशील!

locationभोपालPublished: Jun 02, 2019 06:51:45 pm

फर्श पर दर्द से जूझती रही महिला…

JP hospital

Breaking : जेपी अस्पताल में फर्श पर हुई डिलीवरी, डॉक्टर बने रहे असंवेदनशील!

भोपाल। प्रदेश के अस्पतालों से तकरीबन हर रोज आ रही शिकायतों के बीच रविवार को राजधानी भोपाल स्थिति जेपी अस्पताल से एक बड़ा मामला सामने आया है।

जहां असंवेदनशीलता और लापरवाही के चलते एक ऐसी घटना को अंजाम दे दिया गया, जिसके बारे में जिसने भी सुना उसकी रुह कांप गई।

सामने आ रही जानकारी के अनुसार राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल में रविवार को एक महिला प्रेग्नेंसी के चलते फर्श पर दर्द से जूझती रही, लेकिन डॉक्टर वहां से गायब ही रहे। इसके बाद महिला की फर्श पर डिलीवरी हो गई।

महिला के पति का आरोप…
पीड़ित महिला के पति का आरोप है कि फर्श पर महिला करी डिलीवरी के बावजूद महिला का चेकअप तक नहीं किया गया है, जो सीधे तौर पर गर्भवती महिला की जान से खिलवाड़ के सामन है।

वहीं घटना के बाद अस्पताल में भर्ती की खानापूर्ति की गई। यहां तक की जब उनकी पत्नी दर्द से फर्श पर ही कराह रही थी, तब भी कोई डॉक्टर उन्हें देखने तक नहीं आया।

महिला के पति का आरोप है कि जब वह अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचे तो उन्हें स्ट्रेचर तक नहीं मिला। ऐसे में पहले तो महिला को सीढ़ियों से ले जाने की कोशिश की गई, लेकिन जब सफल नहीं हो सके, तब कहीं जाकर महिला को फिर लिफ्ट से ले जाया गया।

महिला के पति के अनुसार उनकी इमरजेंसी में बैठी एक महिला डॉक्टर से मुलाकात हुई थी, जिन्होंने उसे प्रसुति विभाग में ले जाने को कहा।


जेपी अस्पताल पर पहले भी लग चुके हैं लापरवाही के आरोप:-
इससे पहले भी जेपी अस्पताल से कई बार लापरवाही की बातें सामने आ चुकीं हैं। अभी कुछ समय पहले ही यहां एक महिला की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया।

परिजनों का आरोप था कि इलाज करने वाली डॉक्टर की लापरवाही के कारण अस्पताल में महिला की तबीयत बिगड़ी। इसके चलते बाद में उसकी जान चली गई।

दरअसल, रोशनपुरा स्थित ग्वाल मोहल्ले में रहने वाली रजनी यादव (27) पति कुंदन यादव को प्रसव पीढ़ा होने के चलते जेपी अस्पताल में 27 फरवरी को भर्ती किया गया था।

यहां पर 28 फरवरी को सिजेरियन के द्वारा बच्चे की डिलीवरी हुई थी। चूंकि महिला एनीमिक थी इसलिए अस्पताल प्रबंधन ने उसे ब्लड चढ़ाया था। इसके बाद से महिला की तबीयत बिगड़ गई।

जिसके बाद रजनी का इलाज करने वाली डॉक्टर प्रीति देव पुजारी ने महिला की कंडीशन को देखते हुए हमीदिया अस्पताल रैफर कर दिया, लेकिन परिजन उसको चिरायु मेडिकल कॉलेज ले गए।

जहां पर जांच के बाद पता चला था कि महिला की किडनी खराब हो चुकी है और बच्चादानी को भी नुकसान हुआ है। इसके चलते डॉक्टरों ने बच्चादानी का आॅपरेशन करने की सलाह दी।

परिजनों की सहमति के बाद रजनी का ऑपरेशन किया गया। बावजूद इसके उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।

रजनी के रिश्तेदार संदीप ने बताया कि 12 मार्च को रजनी की इलाज के दौरान मौत हो गई। उनका आरोप है कि जेपी अस्पताल में समय रहते ठीक ट्रीटमेंट नहीं किया गया। इसके चलते उसकी तबीयत खराब होती चल गई। इसका नतीजा है कि उसकी मौत हो गई।

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