शहर के अधिकांश कब्रिस्तान अतिक्रमण के चलते खत्म हो गए। जो बाकी हैं वहां भी बुरे हाल हैं। प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण जमीयत उलमा लंबे समय से कब्रिस्तानों की बेहतरी के लिए सफाई अभियान चला रहा है। जमीयत के हाजी इमरान ने बताया कि अगले माह 20 अप्रेल को शबे रात है। मुस्लिम समाज के लोग दुनिया से जा चुके अपने संबंधियों को याद करते हुए कब्रिस्तान पहुंच उनकी कब्रों पर फातिहा पढऩे पहुंचते हैं।
इंतजामों की कमी कई जगह इंतजामों की कमी के कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। इन्होंने बताया कि हलालपुर और झदा कब्रिस्तान में एक तरफ बाउंड्री वॉल छतिग्रस्त होकर गिर गई है। ऐसे में इसकेे बड़े हिस्से पर भूमाफियाओं की नजर है। ये हाल शहर के अन्य कब्रिस्तान मुल्कन बी सिंधी कालोनी, गांधी नगर, बड़ा बाग़, बाग फरत अफज़ा, सहित कई हिस्सों के हैं।
यहां न तो बिजली के इंतजाम हैं और न ही कब्जे रोकने सुरक्षा। ऐसे में इन स्थानों पर इंतजाम की मांग की गई है। शबे रात को करीब एक माह शेष है। इस बीच नगर निगम और वक्फ बोर्ड रोशनी सहित दूसरे इंतजाम इन कब्रिस्तनों में कराए इसके लिए जमीयत पदाधिकारियों ने अपनी मांग रखी है।
लंबे समय से सफाई अभियान
जमीयत लंबे समय से कब्रिस्तानों में सफाई को लेकर अभियान चला रहा है। कई पदाधिकारी मिलकर श्रमदान करते हैं। इसके चलते करोद सहित कई हिस्सों में सफाई के साथ फेंसिंग के इंतजाम हो गए वहीं गेहूंखेड़ा और नरेला में अतिक्रमण रोकने आवाज उठाई जा रही है।
जमीयत लंबे समय से कब्रिस्तानों में सफाई को लेकर अभियान चला रहा है। कई पदाधिकारी मिलकर श्रमदान करते हैं। इसके चलते करोद सहित कई हिस्सों में सफाई के साथ फेंसिंग के इंतजाम हो गए वहीं गेहूंखेड़ा और नरेला में अतिक्रमण रोकने आवाज उठाई जा रही है।