मध्यप्रदेश में समान नागरिक कानून यानि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के मुद्दे पर आने वाले दिनों में सियासी घमासान देखने को मिल सकता है। कांग्रेस ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि 1947 में जनसंघियों ने इसका विरोध किया था, आज वे उसी के पक्ष में हैं। इस आरोप पर भाजपा ने भी पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस और नेहरू ने पूरे देश का कबाड़ा कर दिया, अब भाजपा ही 'एक देश एक कानून' लेकर आएगी।
कांग्रेस का हमला
इधर, मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि भाजपा सांसद पीएम मोदी को चिट्ठी लिखें, संसद में कानून बनाएं। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा इस बात का जवाब दे कि 1947 में नेहरू ने जब इस मुद्दे के बारे में बात कही थी, तब जनसंघियों ने इसका विरोध क्यों किया था। उस वक्त साधुओं से घेराव करवाया गया था और उसी कानून पर भाजपा क्रेडिट लेना चाहती है।
भाजपा ने किया नेहरू पर हमला
इधर, इस भाजपा ने कांग्रेस पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि पूरे देश का कबाड़ा नेहरू ने ही किया है। धारा-370, धर्म के आधार पर विभाजन ये सभी काम नेहरू के थे। इसलिए कांग्रेस को नेहरू पर गर्व है। भाजपा ने कहा कि धारा-370 हटाना, राम मंदिर यह सब हमारी सरकार कर चुकी है। समान नागरिक संहिता हमारा महत्वपूर्ण लक्ष्य है। भारत में एक देश एक कानून भाजपा सरकार ही लेकर आएगी। कांग्रेस का काम मुंह चलाना रह गया है।

सांसद ने लिखा था सीएम को पत्र
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक विशेषज्ञों की समिति का गठन किया है। इसे लेकर मध्यप्रदेश से राज्यसभा सदस्य अजय प्रताप सिंह ने इसका स्वागत किया है। सिंह ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि आपके नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार को भी प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक विशेषज्ञों की समिति का गठन करें। इस समिति में न्यायविद, विधि विशेषज्ञ, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, विभिन्न धार्मिक एवं भाषायी समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले विशेषज्ञ को शामिल करें।

सुप्रीम कोर्ट में भी है मामला
इससे पहले देश के सभी समुदायों के लिए विवाह, उसकी की उम्र, तलाक, उत्तराधिकार, गुजारा भत्ते जैसे मालों पर एक समान नियम करने की मांग को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लाई गई है। तभी से यह मुद्दा एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है। यह भी खास है कि कई अवसरों पर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय भी समान नागरिक संहिता के लिए एक समान कानून की जरूरत बता चुके हैं। एक अन्य तथ्य यह भी है कि गोवा में समान नागरिक संहिता लागू है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड में क्या होगा
यदि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लाया जाता है तो सभी धर्मों के लिए एक जैसा कानून होगा। वर्तमान में हर धर्म का अलग-अलग कानून है। इस लिहाज से व्यक्तिगत मामले जैसे तलाक और शादी होते हैं। हिन्दू धर्म के लिए अलग, मुस्लिम का अलग और ईसाइयों के लिए अलग कानून हैं।