पूरे एमपी में भयंकर बारिश होने के चलते डेंगू ने अपने पैर पसारे हैं। वहीं मौसम में नमी बने रहने के कारण स्वाइन फ्लू का वायरस भी अटैक कर रहा है। भोपाल के अस्पतालों में वायरल बुखार, चिकुनगुनिया और डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही।
एंटीबायोटिक नहीं सिर्फ बचाव
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. आदर्श वाजपेयी बताते हैं कि डेंगू चार किस्म का होता है और वायरस के संक्रमण से फैलता है। डेंगू में तेज बुखार के साथ नाक बहना, खांसी, आखों में दर्द, जोड़ों के दर्द और त्वचा पर हल्के रैश हो जाते हैं। हालांकि कुछ लोगों में लाल और सफेद निशान के साथ पेट खराब, जी मिचलाना और उल्टी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। यह वायरस से फैलने वाली बीमारी है, इसलिए इसकी कोई दवा या एंटीबायोटिक नहीं है। इसकी रोकथाम इसके लक्ष्णों को देखकर ही की जा सकती है….
जानिए क्या हैं लक्षण…
– तेज़ बुखार
– मसूड़ों से खून बहना
– नाक से खून बहना
– आंखों में दर्द
– त्वचा पर चकत्ते
– तेज सिर दर्द
– पीठ दर्द
– जोड़ों में दर्द
– उल्टी
– डायरिया
इन बातों का रखें ध्यान
– मरीज पूरे शरीर को ढक कर रखें।
– अगर आपको डेंगू के लक्षण लगें हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
– खुद से कोई दवा ना लें। डॉक्टर से पूछ कर ही लें।
– डेंगू वायरस से लोगों को बचाने के कोई वैक्सीन नहीं है, इसलिए डॉक्टर से बात करें और उनकी बातों को नजरअंदाज न करें।