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चौका देंगे आंकड़े
दरअसल, डेंगू के इस बढ़ते प्रकोप का कारण सरकारी सिस्टम की लापरवाही को माना जा रहा है। इस साल प्रदेश के 52 जिलों में सबसे ज्यादा डेंगू पॉजिटिव मरीज भोपाल में 1384 मिले हैं। जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे का कहना है कि उन्होंने जनवरी से शहर में लार्वा सर्वे और दवाओं का छिड़काव शुरू करवा दिया था, लेकिन नगर निगम के द्वारा दवाओं का छिड़काव और फॉगिंग बारिश के बाद शुरू करवाई गई। इधर, नगर निगम के अफसरों का दावा है कि उनकी टीम ने समय रहते शहर के अलग-अलग इलाकों में दवाओं का छिड़काव और फॉगिंग कराई है, उन्होंने दावा किया कि, अगर समय समय पर नगर निगम कि ओर से ये प्रक्रिया नहीं की जाती तो अब तक डेंगू के मरीजों जुड़े आंकड़े और भी ज्यादा हैरान कर देने वाले होते। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एकत्रित किये गए आंकड़ों के मुताबिक, भोपाल के अलावा प्रदेश के जबलपुर में अब तक 386 मरीज मिले हैं, ग्वालियर में 316, इंदौर में 180 और होशंगाबाद में अब तक 113 डेंगू पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश में अब तक चिकनगुनिया के 509 मरीज भी पॉजिटिव मिल चुके हैं।
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अब जाकर मंत्री पूछेंगे सवाल
मध्य प्रदेश के स्वास्थ मंत्री तुलसी सिलावट ने डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर चिंता जताते हुए मीडिया से कहा कि, इस संबंध में आज ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कलेक्टर तरुण पिथोड़े और नगर निगम कमिश्नर बी विजय दत्ता की बैठक बुलाई है। सभी से एक ही सवाल किया जाएगा कि, खासतौर पर राजधानी में डेंगू के फैलने के पीछे कहां चूक हो रही है और इसके फैलने का कारण क्या है? वहीं, बुखार फैलने का क्या कारण है और इस समस्या से शहर को निजात दिलाने में आप सभी की ओर से अब तक क्या कार्य किया गया।