इसके अलावा अस्पताल परिसर में भारी मात्रा में गंदगी मिली, गंदे पानी में भी मच्छरों के लार्वा मिले। निगम के अमले ने अस्पताल में बडी मात्रा में लार्वा मिलने पर स्पॉट फाइन की कार्यवाही शुरू की। टीम के सदस्यों ने बताया कि बड़ी मात्रा में लार्वा मिलने और गंदगी के चलते अस्पताल पर 10 हजार रूपए का स्पॉट फाइन लगाया जा रहा है तो अस्पताल की अधीक्षक कक्ष का ताला लगाकर मौके से गायब हो गईं।
निगम कोर्ट के माध्यम से वसूलेगा 10 हजार नगर निगम के अपर आयुक्त स्वास्थ्य राजेश राठौर का कहना है कि मामले में कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा। ये कम से कम 10 हजार रुपए का होगा। क्योंकि अस्पताल में बड़ी मात्रा में लार्वा मिलने पर 10 हजार रूपये का स्पॉट फाइन लगाने की कार्यवाही की जा रही थी। इसे भरने से इनकार करते हुए अस्पताल की अधीक्षक मौके से चलीं गईं। अन्य कर्मचारी अस्पताल में मिले लेकिन वे फाइन भरने में सक्षम नहीं थे। अब मामले को कोर्ट के सुपुर्द किया गया है। अस्पताल के कर्मचारियों ने टीम को सहयोग नहीं किया।
मंत्री के निरीक्षण के बाद भी नहीं सुधरे हालात फरवरी महीने में श्रम मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बीमा अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्हें भारी गंदगी और शराब की बोतलें मिलीं थीं। रसोई में मिली गंदगी को देखकर मंत्री ने रसोई प्रभारी विनीत विल्सन को निलंबित कर एक डॉक्टर को नोटिस जारी किया था। आठ महीने बाद भी अस्पताल में हालात सुधरने के बजाय और भी बदतर होते जा रहे हैं। ऐसे में ही कर्मचारियों को इलाज कराने की मजबूरी है। शासन के नियमानुसार कर्मचारियों की सेलरी में से कुछ राशि काटी जाती है। इससे उन्हें बीमा अस्पताल में नि:शुल्क इलाज की सुविधा मिलती है लेकिन बीमा अस्पताल में उल्टे बीमारी मिलने की आशंका है।