इससे पहले मंदसौर की डेंगू का हॉटस्पॉट बना हुआ था लेकिन इस माह अभी तक यहां सिर्फ 135 मरीज सामने आए. वैसे विशेषज्ञों के मुताबिक ठंड बढ़ने के साथ ही डेंगू के प्रभाव में भी खासी कमी आ जाएगी. हालांकि कई एक्सपर्ट डेंगू के इन आंकड़ों को वास्तविकता से बहुत कम भी बता रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि हकीकत में डेंगू मरीजों की संख्या और ज्यादा है.
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हैरत की बात तो यह है कि इतने प्रकोप के बाद भी अभी तक सरकारी रिकॉर्ड में डेंगू से महज पांच मौतें बताई जा रहीं हैं. इसमें आगर जिले में 2 मौतें तथा इंदौर, सिवनी, रीवा जिले में 1-1 मौत बताई गई है. असलियत में प्रदेश के कई शहरों में डेंगू मरीजों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं. अकेले रतलाम जिले में ही डेंगू से कई लोगों की मौत हो चुकी है.