नेशनल मेडिकल कॉलेज, रतलाम की याचिका 25157/2018 का निर्णय आ जाने के कारण विज्ञापन प्रकाशन रुकवाया गया। फिर 29 अक्टूबर को केन्द्रीय आयुष मंत्रालय ने काउंसलिंग की डेट बढ़ा दी। इसके बाद 15 से 20नंबर तक काउंसलिंग कराई जानी थी, लेकिन काउंसलिंग नहीं कराई जा सकी और हजारों अभ्यर्थी प्रवेश से वंचित रह गए। अभ्यर्थियों का कहना है कि अब आयुष विभाग ने काउंसलिंग से हाथ खड़े करते हुए स्वयं अपनी लड़ाई लडऩे को कहा है। अभ्यर्थी निशांत गोस्वामी और वीरेन्द्र मालवीय ने इस संबंध में जबलपुर हाइकोर्ट में याचिका दायर की है।
ये है आयुष पाठ्यक्रमों में प्रवेश की स्थिति…
प्रदेश के निजी आयुष महाविद्यालयों में कुल स्वीकृत सीटों की संख्या 2800 है। इनमें 452 सीटें भरी गई हैं और 2348 खाली हैं। शासकीय महाविद्यालयों में की कुल 560 सीटों में 446 भरी गईं और 114 खाली हैं। शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय में स्वीकृत 400 सीटों में 56 खाली हैं, होम्योपैथी की 100 में 24 सीटें खाली तथा यूनानी की 60 सीटों में 34 खाली हैं। निजी आयुर्वेद महाविद्यालयों की 1070 सीटों में से 777 रिक्त, निजी होम्योपैथी कॉलेजों की 1440 में से 1335 रिक्त, निजी यूनानी कॉलेजों की 160 में से 127 रिक्त हैं। निजी नेचुरोपैथी कॉलेजों में की 130 सीटों में से 109 रिक्त हैं। आयुष के शासकीय कॉलेजों में पीजी की 25 प्रतिशत और प्राइवेट कॉलेजों की 97 प्रतिशत सीटें खाली हैं।
प्रदेश के निजी आयुष महाविद्यालयों में कुल स्वीकृत सीटों की संख्या 2800 है। इनमें 452 सीटें भरी गई हैं और 2348 खाली हैं। शासकीय महाविद्यालयों में की कुल 560 सीटों में 446 भरी गईं और 114 खाली हैं। शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय में स्वीकृत 400 सीटों में 56 खाली हैं, होम्योपैथी की 100 में 24 सीटें खाली तथा यूनानी की 60 सीटों में 34 खाली हैं। निजी आयुर्वेद महाविद्यालयों की 1070 सीटों में से 777 रिक्त, निजी होम्योपैथी कॉलेजों की 1440 में से 1335 रिक्त, निजी यूनानी कॉलेजों की 160 में से 127 रिक्त हैं। निजी नेचुरोपैथी कॉलेजों में की 130 सीटों में से 109 रिक्त हैं। आयुष के शासकीय कॉलेजों में पीजी की 25 प्रतिशत और प्राइवेट कॉलेजों की 97 प्रतिशत सीटें खाली हैं।
वेबसाइट तक नहीं की गई अपडेट
आयुष विभाग अभ्यर्थियों के भविष्य के प्रति लापरवाही दर्शाता रहा है। 11 अक्टूबर 2018 से विभाग के काउंसलिंग पोर्टल पर कोई अपडेट नहीं की गई, जिससे अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के बारे में जानकारी होती रहती और वे समय रहते प्रवेश पाने के लिए अन्य प्रयास कर सकते।
आयुष विभाग अभ्यर्थियों के भविष्य के प्रति लापरवाही दर्शाता रहा है। 11 अक्टूबर 2018 से विभाग के काउंसलिंग पोर्टल पर कोई अपडेट नहीं की गई, जिससे अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के बारे में जानकारी होती रहती और वे समय रहते प्रवेश पाने के लिए अन्य प्रयास कर सकते।
हमने वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए आयुष मंत्रालय, भारत सरकार को पत्र लिखा है कि विशेष परिस्थितियों में हमें काउंसलिंग करवाकर प्रवेश की अनुमति प्रदान करें। उन्होंने अभी अपने निर्णय से अवगत नहीं कराया है।
शिखा दुबे, एसीएस, आयुष विभाग
शिखा दुबे, एसीएस, आयुष विभाग