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पीएससी चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर्स, ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारी की नियुक्ति का रास्ता साफ

locationभोपालPublished: Sep 27, 2019 10:24:35 pm

जिनके दस्तावेज सत्यापित हो चुके सिर्फ उन्हें ही मिलेगा ऑनलाइन च्वॉइस फिलिंग का मौका

higher education minister jitu patwari

higher education minister jitu patwari

भोपाल। मप्र लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित सहायक प्राध्यापकों को आखिरकार लंबे इंतजार के बाद उच्च शिक्षा विभाग नियमानुसार नियुक्ति देकर पदस्थापना करने जा रहा है। विभाग के इस निर्णय से करीब 2500 चयनित सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति का रास्ता साफ होगा। प्रदेश के महाविद्यालयों में बड़ी संख्या में रिक्त पदों की उपलब्धता को देखते हुए व सुविधा के दृष्टिकोण से केवल एक बार के लिए यह निर्णय लिया गया है कि सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2017 और ग्रंथपाल व क्रीडा अधिकारी परीक्षा-2018 के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों की पदस्थापना करने के लिए उनसे विकल्प प्राप्त किए जा रहे हैं। विकल्प प्राप्त करने की प्रक्रिया पूर्णत: ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से संचालित होगी।

इस ऑनलाइन प्रक्रिया का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए राष्ट्रीय व प्रदेश स्तरीय समाचार पत्रों में सार्वजनिक सूचना प्रकाशित की जाएगी। साथ ही इसकी सूचना अभ्यर्थियों को एसएमएस के द्वारा भी भेजी जाएगी। बता दें, पीएससी चयनित अभ्यर्थियों का मामला पिछली सरकार के समय से चल रहा है। परीक्षा होने के बाद से ही इन्हें महज आश्वासन मिल रहा था। हालांकि पीएससी चयनित प्राध्यापक संघ इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री कमलनाथ और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी को दे रहे हैं।

 

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मेरिट के आधार पर मिलेगी नियुक्ति और पदस्थापना

जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन हो चुका है और उसमें विभाग द्वारा कोई कमी नहीं पाई गई है तो वे अभ्यर्थी ही अगले हफ्ते से ऑनलाइन च्वॉइस फिलिंग कर सकेंगे। अभ्यर्थी की मेरिट के आधार पर ही पदस्थापना के लिए महाविद्यालय का आवंटन कर नियुक्ति आदेश जारी किया जाएगा। हालांकि विभाग के पास यह भी अधिकार होगा कि वे अभ्यर्थी की पदस्थापना प्रशासनिक आवश्यकता के आधार पर दिए गए विकल्प के बाहर किसी अन्य महाविद्यालय में भी कर सकेगा।
पुनरीक्षित सूची के अभ्यर्थियों को सत्यापन के बाद मिलेगा मौका

इसके अलावा पहली पदस्थापना के बाद भी स्थानांतरण कर नई पदस्थापना भी की जा सकेगी। ऑनलाइन च्वॉइस फिलिंग की समस्त कार्यवाही के लिए उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त ही सक्षम अधिकारी होंगे। वहीं मप्र लोकसेवा आयोग द्वारा जारी पुनरीक्षित सूची में जिन नए अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है। उन्हें दस्तावेजों के भौतिक सत्यापन के बाद ही च्वॉइस फिलिंग का मौका मिलेगा।
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जो छूट जाएंगे उन्हें दोबारा नहीं मिलेगा ऑनलाइन विकल्प

मप्र उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव संजीव जैन की ओर से जारी इस पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि ऑनलाइन की जाने वाली नियुक्ति व पदस्थापना की प्रक्रिया के लिए यह आदेश केवल पहली बार के लिए ही मान्य होगा। जो अभ्यर्थी किसी कारणवश ऑनलाइन प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकेंगे उन्हें पहले की तरह कार्यालयीन ऑफाइन प्रक्रिया के माध्यम से ही नियुक्ति व पदस्थापना प्रदान की जाएगी।

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