scriptमोहिनीअट्टम नृत्य से किया गणेश, शिव और लक्ष्मी रूपों का वर्णन | Description of Ganesha, Shiva and Lakshmi by MohiniAttam | Patrika News

मोहिनीअट्टम नृत्य से किया गणेश, शिव और लक्ष्मी रूपों का वर्णन

locationभोपालPublished: Sep 24, 2018 11:03:26 am

Submitted by:

hitesh sharma

उत्तराधिकार में सितार वादन एवं मोहिनीअट्टम नृत्य की प्रस्तुतियां

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मोहिनीअट्टम नृत्य से किया गणेश, शिव और लक्ष्मी रूपों का वर्णन

भोपाल। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में परम्परा, प्रदर्शनकारी कला एवं नवांकुरों के लिए स्थापित श्रृंखला उत्तराधिकार में रविवार को सितार वादन और मोहिनीअट्टम नृत्य की प्रस्तुतियां संग्रहालय सभागार में हुईं। कार्यक्रम की शुरुआत अनुपमा भागवत ने अपने साथी कलाकार के साथ राग देस तीन ताल में सितार वादन प्रस्तुत कर की।

इसके बाद राग रागेश्री में आलाप जोड़ झाला और एक ताल में निबद्ध सितार वादन प्रस्तुत किया। अनुपमा भागवत ने अपने साथी कलाकारों के साथ राग जोग में झप ताल और तीन ताल में वादन प्रस्तुत कर अपनी प्रस्तुति को विराम दिया। इस प्रस्तुति में अनुपमा भागवत का साथ तबले पर रामेन्द्र सिंह सोलंकी ने, सितार पर मालविका चौपड़ा और ब्रिजेश माधव ने दिया।

 

सितार वादन के बाद शामल कड़वे ने अपने साथी कलाकारों के साथ मोहिनीअट्टम नृत्य की शुरुआत राग मलिका आदि ताल में चोलकट्टू पर नृत्य प्रस्तुत कर की। इस प्रस्तुति में गणेश जी की स्तुति के साथ, उनके रूपों का बखान किया गया। गजानन्द जो एकदन्त हैं, लेकिन उनका मुख कमल के समान है। जिनकी सेवा न केवल देवता, अर्थात भूतादि गण भी करते हैं। चोलकट्टू के बाद राग मलिका आदि ताल में शिव स्तुति पर कलाकारों ने अपने नृत्य कौशल से शिव के रूपों और बिम्बों को मंच पर जीवंत किया। इस प्रस्तुति में भगवान शिव को ही ब्रह्माण्ड का प्रतीक माना गया।

आदि ताल में पेश किया अष्टलक्ष्मी नृत्य
राग यमुना कल्याणी मिश्र छप ताल में आज आए श्याम मोहन पर किया नृत्य शिव स्तुति के बाद राग आनन्द मैखी आदि ताल में अष्टलक्ष्मी पर कलाकारों ने मोहक प्रस्तुति प्रस्तुत दी। अष्टलक्ष्मी का अर्थ है लक्ष्मी के आठ रूपों से, अर्थात सद्बुद्धि, निद्रा, शक्ति, लज्जा, शांति, क्रांति, मां लक्ष्मी और दया है। देवी लक्ष्मी का अभिषेक दो गजों द्वारा किया जाता है और वह कमल के आसन पर विराजमान हैं।
शामल कड़वे ने अपने साथी कलाकारों के साथ अपनी प्रस्तुति का अंत राग यमुना कल्याणी मिश्र छप ताल में आज आए श्याम मोहन पर नृत्य प्रस्तुत कर किया। यह शास्त्रीय और कलातीत हिंदुस्तानी भजन है, जो राधा-कृष्ण के प्रेम को दर्शाता है। यह मानवीय आत्मा की लालसा का प्रतीक भी है। इस प्रस्तुति मंच में पर शामल कड़वे के साथ आराधना ठाकुर, अलीशा भारती, यशिका बाथम, तिलोत्तम दुबे, आंचल शर्मा, शख्या अजय, अथिरा ज्योति, रिया शाजन, अमृता . एस. कुमार, अवनि पाण्डे और भूमिका श्रीवास्तव आदि ने अपने नृत्य कौशल से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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