कितना मिलेगा ईनाम
प्रतियोगिता में बालक एवं बालिका संवर्ग हेतु प्रथम एवं द्वितीय उत्कृष्ट डिज़ाइन का चयन किया जायेगा। प्रत्येक संवर्ग के प्रथम एवं द्वितीय प्रतिभागी को क्रमशः 1 लाख रुपए और दूसरे स्थान के लिए 50 हजार रुपये की राशि पुरुस्कार स्वरूप प्रदान की जायेगी।
प्रतियोगिता में बालक एवं बालिका संवर्ग हेतु प्रथम एवं द्वितीय उत्कृष्ट डिज़ाइन का चयन किया जायेगा। प्रत्येक संवर्ग के प्रथम एवं द्वितीय प्रतिभागी को क्रमशः 1 लाख रुपए और दूसरे स्थान के लिए 50 हजार रुपये की राशि पुरुस्कार स्वरूप प्रदान की जायेगी।
अंतिम तिथि
डिजाइन भेजने की अंतिम तिथि 25 फरवरी 2021, शाम 5:00 बजे तक है। इसके बाद भेजे गए डिजाइन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इन बातों का रखना होगा ध्यान
इस प्रतियोगिता में कोई भी नागरिक भाग ले सकता है।
ड्रेस की डिज़ाइन में कलर कॉम्बिनेशन (मेचिंग) की गुणवत्ता हो।
कपड़े की उपलब्धता एवं सिलाई सुविधाजनक हो, जिससे स्व-सहायता समूह के द्वारा स्थानीय स्तर पर सामग्री कार्य आसानी से की जा सके।
श्रेष्ठ प्रविष्टि का चयन ‘स्कूल शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश शासन’ द्वारा किया जायेगा और उनका निर्णय अंतिम होगा।
डिजाइन भेजने की अंतिम तिथि 25 फरवरी 2021, शाम 5:00 बजे तक है। इसके बाद भेजे गए डिजाइन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इन बातों का रखना होगा ध्यान
इस प्रतियोगिता में कोई भी नागरिक भाग ले सकता है।
ड्रेस की डिज़ाइन में कलर कॉम्बिनेशन (मेचिंग) की गुणवत्ता हो।
कपड़े की उपलब्धता एवं सिलाई सुविधाजनक हो, जिससे स्व-सहायता समूह के द्वारा स्थानीय स्तर पर सामग्री कार्य आसानी से की जा सके।
श्रेष्ठ प्रविष्टि का चयन ‘स्कूल शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश शासन’ द्वारा किया जायेगा और उनका निर्णय अंतिम होगा।
निर्णय निम्न बिंदु निम्नानुसार होगे
स्टाइल, बच्चों के लिए आरामदायक, सिलाई में सुविधा, चूंकि कक्षा 1 से 8 के बच्चों के कद बढ़ने के मामले ज्यादा होते है, अत: यूनिफार्म की डिज़ाइन में यह व्यवस्था होनी चाहिए के वे आवश्यकतानुसार खोलकर बढाया जा सकें। गणवेश डिज़ाइन में प्रदेश की संस्कृति और परिवेश स्थानीय आर्टक्राफ्ट जैसे- बाग प्रिंट आदि का डिज़ाइन में इस्तेमाल और यूनिफार्म की कीमत होन चाहिए।
स्टाइल, बच्चों के लिए आरामदायक, सिलाई में सुविधा, चूंकि कक्षा 1 से 8 के बच्चों के कद बढ़ने के मामले ज्यादा होते है, अत: यूनिफार्म की डिज़ाइन में यह व्यवस्था होनी चाहिए के वे आवश्यकतानुसार खोलकर बढाया जा सकें। गणवेश डिज़ाइन में प्रदेश की संस्कृति और परिवेश स्थानीय आर्टक्राफ्ट जैसे- बाग प्रिंट आदि का डिज़ाइन में इस्तेमाल और यूनिफार्म की कीमत होन चाहिए।