स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के मुताबिक पहले चरण में बड़े व पुराने पेड़ों को शिफ्ट किया जाएगा। शिफ्टिंग से पहले मिट्टी की जांच की जाएगी। वैज्ञानिक तरीके से होने वाली इस शिफ्टिंग में सुपरवाइजरों की देखरेख में सुरक्षित लोडिंग व ट्रांसर्पोटेशन का दावा है। जिस कंपनी को ये काम सौंपा जाएगा उसे छह महीने तक पेड़ों की देखरेख करनी होगी। पानी-खाद के साथ ही मिट्टी की नमी की समय-समय पर जांच का जिम्मा भी इसी के पास होगा। इस पूरी कवायद के लिए 32 लाख रुपए का बजट रखा गया है।