इस्कॉन भेल यूथ फोरम के अध्यक्ष महाराज धमेन्द्र कृष्ण दास बताते हैं, इस्कॉन के सभी मंदिरों में सुबह 4.30 बजे मंगला आरती होती है। वर्ष भर यह क्रम नियमित चलता है, ऐसे में सर्दी हो या बारिश प्रभु की आरती तय समय पर ही होती है। सर्दियों में प्रभु की सुविधा के लिए उन्हें वस्त्रों के साथ शाल ओढ़ाया जा रहा है, जिससे उन्हें सर्दी न लगे।ऐसा है प्रात: आराधना का क्रमसुबह 4.30 बजे मंगला आरती शुरू होती है जो कि लगभग 45 मिनट चलती है, इसके बाद तुलसी आरती होती है। इसके बाद भक्त मंदिर में ही मंत्र मेडिटेशन अर्थात हरेकृष्ण का जाप करते हैं। इसके बाद आठ से नौ बजे तक श्रीमदभागवत पर कक्षाएं होती हैं, इसे अलग भक्त या महाराज देते हंै, नौ बजे तक यह कार्यक्रम चलता है। उसके बाद दैनिक कार्यक्रम प्रारंभ होते हैं।
रविवार को बढ़ जाती है भक्तों की संख्या
मंदिर में प्रतिदिन 12 से 15 तक भक्त मंगला आरती में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। रविवार अन्य अवकाश या पर्व पर भक्तों की संख्या बढ़ जाती है। इसमें कई ऐसे में कई भक्त सुबह से आरती और पूरे अराधना क्रम में शामिल होने पहुंच जाते हैं। ऐसे मौकों पर कई बच्चे भी मंगला आरती में भाग लेते हैं, भक्तों का कहना है कि, मंगला आरती में शामिल होना सौभाग्य की बात है, हम पूरी कोशिश करते हैं जितना ज्यादा हो सके प्रात: काल की प्रभु भक्ति का लाभ उठा सकें।
मंदिर में प्रतिदिन 12 से 15 तक भक्त मंगला आरती में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। रविवार अन्य अवकाश या पर्व पर भक्तों की संख्या बढ़ जाती है। इसमें कई ऐसे में कई भक्त सुबह से आरती और पूरे अराधना क्रम में शामिल होने पहुंच जाते हैं। ऐसे मौकों पर कई बच्चे भी मंगला आरती में भाग लेते हैं, भक्तों का कहना है कि, मंगला आरती में शामिल होना सौभाग्य की बात है, हम पूरी कोशिश करते हैं जितना ज्यादा हो सके प्रात: काल की प्रभु भक्ति का लाभ उठा सकें।