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मौसम बदलते हैं, प्रभु वंदना का क्रम नहीं, ठंड में भी तड़के 3.30 बजे उठते हैं भक्त

locationभोपालPublished: Jan 23, 2022 01:20:21 am

Submitted by:

Rohit verma

इस्कॉन मंदिर: सुबह 4.30 बजे होती है भगवान श्रीकृष्ण की मंगला आरती

मौसम बदलते हैं, प्रभु वंदना का क्रम नहीं, ठंड में भी तड़के 3.30 बजे उठते हैं भक्त

मौसम बदलते हैं, प्रभु वंदना का क्रम नहीं, ठंड में भी तड़के 3.30 बजे उठते हैं भक्त

भोपाल. इन दिनों कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, ऐसे में हममें से अधिकांश का सुबह देर तक रजाई से निकलने का मन भी नहीं होता। लेकिन ऐसी सर्दी में भी भेल के इस्कॉन कृष्ण मंदिर में सुबह 4.30 बजे से घंटे-घडिय़ाल गूंजने लगते हैं। ऐसा भी नहीं कि इस आरती को केवल मंदिर में रहने वाले भक्त करते हों, बल्कि प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक भक्त भी आरती में पहुंच जाते हैं। सुबह 4.30 बजे आरती में शामिल होने के लिए भक्त तड़के 3.30 बजे उठ जाते हैं, और स्नान करके मंदिर पहुंच जाते हैं।
इस्कॉन भेल यूथ फोरम के अध्यक्ष महाराज धमेन्द्र कृष्ण दास बताते हैं, इस्कॉन के सभी मंदिरों में सुबह 4.30 बजे मंगला आरती होती है। वर्ष भर यह क्रम नियमित चलता है, ऐसे में सर्दी हो या बारिश प्रभु की आरती तय समय पर ही होती है। सर्दियों में प्रभु की सुविधा के लिए उन्हें वस्त्रों के साथ शाल ओढ़ाया जा रहा है, जिससे उन्हें सर्दी न लगे।ऐसा है प्रात: आराधना का क्रमसुबह 4.30 बजे मंगला आरती शुरू होती है जो कि लगभग 45 मिनट चलती है, इसके बाद तुलसी आरती होती है। इसके बाद भक्त मंदिर में ही मंत्र मेडिटेशन अर्थात हरेकृष्ण का जाप करते हैं। इसके बाद आठ से नौ बजे तक श्रीमदभागवत पर कक्षाएं होती हैं, इसे अलग भक्त या महाराज देते हंै, नौ बजे तक यह कार्यक्रम चलता है। उसके बाद दैनिक कार्यक्रम प्रारंभ होते हैं।
रविवार को बढ़ जाती है भक्तों की संख्या
मंदिर में प्रतिदिन 12 से 15 तक भक्त मंगला आरती में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। रविवार अन्य अवकाश या पर्व पर भक्तों की संख्या बढ़ जाती है। इसमें कई ऐसे में कई भक्त सुबह से आरती और पूरे अराधना क्रम में शामिल होने पहुंच जाते हैं। ऐसे मौकों पर कई बच्चे भी मंगला आरती में भाग लेते हैं, भक्तों का कहना है कि, मंगला आरती में शामिल होना सौभाग्य की बात है, हम पूरी कोशिश करते हैं जितना ज्यादा हो सके प्रात: काल की प्रभु भक्ति का लाभ उठा सकें।
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