ज्ञात हो 12 मई को कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के मतदान के बाद 14 मई से तेल कंपनियों ने दाम बढ़ाना शुरू कर दिए थे और इसके बाद लगभग हर दिन पेट्रोल और डीजल के भाव में बढ़ोतरी की गई है।
पेट्रोल डीजल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि के चलते मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में जनता नाराज बनी हुई है। इसी के चलते मंगलवार को भोपाल सहित कई जिलों में विरोध प्रदर्शन भी हुए।
भले ही इन विरोध प्रदर्शनों में मुख्यरूप से कांग्रेस शामिल रही,लेकिन इस प्रदर्शन में आम जनता ने भी काफी सहयोग किया। कम होगा टैक्स!…
ऐसे में माना जा रहा है कि जनता की नाराजगी को देखते हुए सरकार जल्द ही पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर टैक्स घटाने का फैसला ले सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार एक्साइज ड्यूटी (Excise duty ) 2 से 4 रुपए प्रति लीटर तक घटा सकती है।
ऐसे में माना जा रहा है कि जनता की नाराजगी को देखते हुए सरकार जल्द ही पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर टैक्स घटाने का फैसला ले सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार एक्साइज ड्यूटी (Excise duty ) 2 से 4 रुपए प्रति लीटर तक घटा सकती है।
कहा जा रहा है कि कीमतें कम करने को लेकर सरकार मन बना चुकी है। इसे लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) एक दो दिन में इस पर अंतिम फैसला ले सकता है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान आज यानि बुधवार को तेल कंपनियों के साथ स्टॉक की स्थिति पर बातचीत करेंगे।
एक से दो दिन में फैसला!…
जानकारी के अनुसार वित्त मंत्रालय ने PMO को सारा डाटा और इनपुट उपलब्ध करा दिया गया है। पिछले एक सप्ताह से एक्साइज ड्यूटी में कटौती को लेकर चर्चा हो रही है और अब यह फैसला कभी भी आ सकता है।
जानकारी के अनुसार वित्त मंत्रालय ने PMO को सारा डाटा और इनपुट उपलब्ध करा दिया गया है। पिछले एक सप्ताह से एक्साइज ड्यूटी में कटौती को लेकर चर्चा हो रही है और अब यह फैसला कभी भी आ सकता है।
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डीलर्स के कमीशन घटाने पर भी विचार हो सकता है। आपको बता दें कि क्रूड की कीमतें जब कम थी तो सरकार ने नवंबर 2014 से लेकर जनवरी 2016 तक 9 बार एक्साइज ड्यूट बढ़ाई थी और केवल एक बार बीते साल अक्टूबर में कटौती की थी।
डीलर्स के कमीशन घटाने पर भी विचार हो सकता है। आपको बता दें कि क्रूड की कीमतें जब कम थी तो सरकार ने नवंबर 2014 से लेकर जनवरी 2016 तक 9 बार एक्साइज ड्यूट बढ़ाई थी और केवल एक बार बीते साल अक्टूबर में कटौती की थी।
ये पड़ेगा अतिरिक्त बोझ…
वहीं इस संबंध में कहा जा रहा है कि सरकार को एक्साइज ड्यूटी में 1 रुपए की कटौती करने पर 130 से 140 अरब रुपए का बोझ उठाना होता है। ऐसे में 2 रुपए की कटौती करने पर 260 से 280 अरब रुपए का घाटा सरकार को उठाना होगा। वहीं यदि सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में 4 रुपए प्रति लीटर की कटौती की तो यह घाटा बढ़कर 520-560 अरब रुपए हो जाएगा।
वहीं इस संबंध में कहा जा रहा है कि सरकार को एक्साइज ड्यूटी में 1 रुपए की कटौती करने पर 130 से 140 अरब रुपए का बोझ उठाना होता है। ऐसे में 2 रुपए की कटौती करने पर 260 से 280 अरब रुपए का घाटा सरकार को उठाना होगा। वहीं यदि सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में 4 रुपए प्रति लीटर की कटौती की तो यह घाटा बढ़कर 520-560 अरब रुपए हो जाएगा।
भारतीय करेंसी में कच्चे तेल की आपूर्ति…
दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला, भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करके उसका भुगतान भारतीय करेंसी रूपए में लेने को तैयार हो गया है। भारत में वेनेजुएला के राजदूत ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। उनका कहना है कि ऐसा कर दोनों देशों को अमेरिका द्वारा लगाये गए प्रतिबंध से बचाया जा सकेगा।
दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला, भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करके उसका भुगतान भारतीय करेंसी रूपए में लेने को तैयार हो गया है। भारत में वेनेजुएला के राजदूत ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। उनका कहना है कि ऐसा कर दोनों देशों को अमेरिका द्वारा लगाये गए प्रतिबंध से बचाया जा सकेगा।
सरकार को अब देर नहीं करनी चाहिए। आम जनता परेशान है, पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही है। जनता को राहत देना जरूरी है, वरना जनता कभी भी सड़क पर उतर सकती है।
– जीतेंद्र जैन, व्यवसायी
– जीतेंद्र जैन, व्यवसायी
पेट्रोल के दाम हर चीज प्रभावित कर रहे है। अपने सामान को यहां से वहां ले जाने का भाड़ा तक बढ़ गया है। अब इसे कैसे मेंटेंन करें।
– संजय शर्मा, डायरेक्टर निजी कंपनी अब सरकार को जल्द फैसला लेना ही होगा। पूरे घर का बजट बिगड़ रहा है, रेट कम नहीं किए तो घर चलाना मुश्किल हो जाएगा।
– माधुरी सिंह, ग्रहणी
– संजय शर्मा, डायरेक्टर निजी कंपनी अब सरकार को जल्द फैसला लेना ही होगा। पूरे घर का बजट बिगड़ रहा है, रेट कम नहीं किए तो घर चलाना मुश्किल हो जाएगा।
– माधुरी सिंह, ग्रहणी
यदि सरकार जल्द कोई फैसला लेकर इनके दामों में कमी करती है, तो अच्छी बात है। नहीं तो ये स्थिति स्वाभाविक रूप से सरकार को आने वाले चुनावों में प्रभावित करेगी।
– आरके शर्मा, राजनीति के जानकार
– आरके शर्मा, राजनीति के जानकार