रमाशंकर मिश्रा निवासी बागमुगालिया एक्सटेंशन और लहारपुर निवासी गोविंद ठाकुर का कहना है कि यह मार्ग आशिमा मॉल सहित होशंगाबाद रोड और उससे लगी कॉलोनियों तक पहुंचने का सार्ट कट मार्ग है। इस मार्ग से प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने कामधंधे और नौकरी पर जाते हैं। रात में लौटते समय इन्हें ऊबड़-खाबड़ मार्ग और अधूरी बीच में पडऩे वाली पुलिया से भारी परेशानी होती है। पुलिया के एक ओर बड़े-बड़े गड्ढे हैं तो दूसरी ओर खाई जैसी ढलान है। ऐसे में यहां से आने-जाने के दौरान पुल के बाद अचानक ढलान आने से अनजान वाहन चालक इसमें गिरकर घायल हो जाते हैं।
शाम होते ही छा जाता है अंधेरा, घरों में कैद हो जाते हैं रहवासी
बीडीए द्वारा कटारा हिल्स में बनाए गए स्वामी विवेकानंद परिसर में सड़क पर स्ट्रीट लाइट नहीं जलने से शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। इससे रहवासियों का रात में घरों से निकलना तक मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही रहवासियों को अन्य मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं। रहवासियों का कहना है कि इस संबंध में कई बार जिम्मेदारों को आवेदन दे चुके हैं, इसके बाद भी जिम्मेदारों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बता दें कि यही हालात बीडीए द्वारा निर्मित किए गए गौरीशंकर परिसर का भी है। कॉलोनी के रहवासियों का कहना है कि मुख्य सड़क को छोड़ दें तो पूरी कोलानी की सड़क पर लगाई गई स्ट्रील लाइटें बंद पड़ी हैं। इससे कॉलोनी में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां आए दिन सांप, बिच्छू सहित अन्य जहरीले जीव-जंतु निकलते रहते हैं। इस कारण लोगों ने अंधेरा होते ही अपने घरों से बाहर निकलना बंंद कर दिया है।