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डिजिटल अपग्रेडेशन के साथ बढ़ रहा डिजिटल फ्रॉड

locationभोपालPublished: Jan 16, 2019 11:03:05 am

Submitted by:

hitesh sharma

आरजीपीवी में सूचना, सुरक्षा और साइबर कानून विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला हुई शुरू

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डिजिटल अपग्रेडेशन के साथ बढ़ रहा डिजिटल फ्रॉड

भोपाल। मनुष्य और मशीन का संयुक्त रूप इंजीनियरिंग है। डाटा संग्रहण की प्रवत्ति दोनों में होती है जिस प्रकृति का डाटा संग्रहित होता है वैसा ही व्यवहार दोनों करते हैं। डाटा की सुरक्षा मनुष्य और मशीन दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। वर्तमान तकनीकी के युग में इंटरनेट के क्षेत्र में साइबर सुरक्षा एक वैश्विक समस्या के रूप में विद्यमान है। जिस पर अंतरराष्ट्रीय सहमती आवश्यक है।

यह बात राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील कुमार ने विश्वविद्यालय द्वारा नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट के साथ तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के तीसरे चरण के अंतर्गत विश्वविद्यलाय में सूचना सुरक्षा और साइबर कानून विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला में कही।

इस अवसर पर एलएनआइयू के कुलपति प्रो. वी विजय कुमार ने कहा की जैसे-जैसे तकनीकी हाईटेक हो रही है। डिजिटल फ्रॉड भी बढ़ रहे हैं। आज ऑनलाइन शापिंग, बैंकिंग, रेलवे, मूवी और होटल बुकिंग सहित अन्य क्षेत्रों में ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जा रही है। फेसबुक से लेकर व्हाट्स एप सहित सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विचारों का आदान- प्रदान हो रहा है। ऐसी स्थिति में डाटा की प्राइवेसी और सुरक्षा दोनों एक चुनौती के रूप में सामने खड़ी हो गई है। उन्होनें कहा कि बैंकों ने अपने ग्राहकों के एटीएम सुरक्षा कारणों से बदल दिए। सार्वजनिक उपक्रमों में आईपी एड्रेस के दुरूपयोग जैसी घटनाएं भी सामने आ रही है। अत: सुचना सुरक्षा और साइबर कानून विषय पर प्रभावी दिशा बनाना आवश्यक है। इसके बिना आम व्यक्ति को सुरक्षा नहीं मिल पाएगी।
कंपनियां बेच रही हमारा डाटा

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आइएएस अवि प्रसाद ने इमर्जिंग साइबर क्राइम एंड प्राइवेसी इन साइबर स्पेस विषय पर कहा कि कंपनियां हमारे डाटा के माध्यम से आर्थिक लाभ कमा रही है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा अभिव्यक्तिके दुरूपयोग पर अंतर बताते हुए उन्होंने आइटी एक्ट और डाटा प्रोटेक्शन बिल के बारे में जानकारी दी। डॉ. अतुल कुमार पांडेय एनएलआईयू ने साइबर कानून और आईण्टी अधिनियम पर अपने विचार व्यक्त किए।
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