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दिग्विजय का भाजपा पर तीखा हमला, पूछे ये सवाल…

locationभोपालPublished: Mar 07, 2018 04:52:33 pm

‘एक देश एक चुनाव’ पर प्रतिक्रिया देते हुए फेडरल सिस्टम के बारे में भी बोले…

digvijay singh
भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह एक बार फिर भाजपा पर तीखे हमले किए हैं। इस बार उन्होंने ये हमले सवालों के तौर पर किए, यहां उन्होंने पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाने को मुद्दा बनाते हुए भाजपा से पूछा है कि क्या वह गुजरात विधानसभा भंग कराना चाहेगी।
दरअसल ‘एक देश एक चुनाव’ पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कई तीखे सवाल भाजपा पर दागें। यहां उन्होंने कहा कि फेडरल सिस्टम यानि एक संघीय सरकार व अनेक राज्य सरकार की स्थिति में ऐसा कतई संभव नहीं है।
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने एक चुनाव सुधार समिति का गठन किया है। यहां दिग्विजय सिंह उसी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।

दिग्विजय सिंह ने यहां साफ किया कि जब तक संविधान में संशोधन न हो, तब तक ये संभव नहीं है। यहीं उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि गुजरात में हाल ही में चुनाव हुए हैं, तो क्या बीजेपी वहां विधानसभा भंग कर चुनाव कराना चाहेगी। उन्होंने आगे कहा कि चाहे पंजाब हो या अन्य, इसके अलावा अभी कर्नाटक में चुनाव होने वाला है। त्रिपुरा में भी अभी चुनाव हुए हैं। ऐसे में फेडरल सिस्टम में ये संभव नहीं है।
इसके अलावा उन्होंने नर्मदा किनारे शिवराज सरकार के वृहद वृक्षारोपण के सवाल पर कहा कि उनकी यात्रा के पहले 1800 किलोमीटर तक उन्हें न के बराबर पेड़ दिखे और दूसरे 1800 किमी के हिस्से में करीब ढाई सौ पेड़ नजर आए। उनसे जब पूछा गया कि वृक्षारोपण असफल हो गया तो उन्होंने कहा कि आप ही मुझे पेड़ दिखा दीजिए।
वहीं कुछ जानकारों का मानना है कि देश में एक साथ यानी 5 साल में एक बार संसदीय, विधानसभा, सिविक और पंचायत चुनाव होने चाहिए। एक महीने में ही सारे चुनाव निपटा लिए जाएं। इससे पैसा, संसाधन, मैनपावर तो बचेगा ही, साथ ही सिक्युरिटी फोर्स, ब्यूरोक्रेसी और पॉलिटिकल मशीनरी को हर साल चुनाव के लिए 100-200 दिन के लिए इधर से उधर नहीं भेजना पड़ेगा।
एकसाथ चुनाव करा लिए जाते हैं तो देश एक बड़े बोझ से मुक्त हो जाएगा। अगर हम ऐसा नहीं कर पाते तो ज्यादा से ज्यादा संसाधन और पैसा खर्च होता रहेगा। 2014 में लोकसभा चुनाव के बाद देश में उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव हुए। 2018 में 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं जबकि 2019 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। वहीं कई अन्य इसका विरोध भी कर रहे हैं। उनका मानना है कि ऐसा किया जाना लोकतंत्र का गला घोंटने के समान हैै।
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