वहीं, बीजेपी की जीत में मशीनरी के इस्तेमाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं जनादेश को स्वीकार करता हूं। भआरत के लोकतंत्र पर हम सबको विश्वास है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश में गांधी जी की विचारधार हार गई। लेकिन गांधी जी के हत्यारे की विचारधारा जीत गई।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस के पास सत्य और अहिंसा का रास्ता है। उन्होंने पूछा कि बीजेपी के पास कौन सी जादुई छड़ी है जो चुनाव से पहले ही रिजल्ट का ऐलान कर देती है। इसके साथ ही वह कई सवालों से बचते भी नजर आए। दिग्विजय सिंह ने प्रेस कॉफ्रेंस से पहले जाकर सीएम कमलनाथ से भी मुलाकात की।
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह यहां बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा से हार गए हैं। दिग्विजय सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं और दस सालों तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। लेकिन भोपाल में उनकी करारी हार हुई है।
दरअसल, साध्वी ने यहां उम्मीदवार के साथ ही ऐलान कर दिया था कि भोपाल की लड़ाई धर्म युद्ध के नाम पर है। वह हिंदुत्व के राह पर ही आगे बढ़ती रही। दिग्विजय बीजेपी लगातार धर्म के जाल में उलझते गए। उन्होंने ने भी साधु-संतों का भी सहारा लिया लेकिन साध्वी को मात नहीं दे पाए।