पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के विधायक भाई लक्ष्मण सिंह ने कमलनाथ सरकार के तबादलों पर निशाना साधाने के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाने की बात कही है। लक्ष्मण सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जो जरूरी हो वही तबादले होना चाहिए। इतने बड़े पैमाने पर ताबदले गलत हैं।
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वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा पर लक्ष्मण सिंह ने कहा कि सिंधिया के पास उत्तर प्रदेश का भी प्रभार है, इसलिए उनके पास काम ज्यादा है। ऐसे में उनको प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनना चाहिए, क्योंकि इतने काम होने पर वे पूरा समय नहीं दे पाएंगे।
वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा पर लक्ष्मण सिंह ने कहा कि सिंधिया के पास उत्तर प्रदेश का भी प्रभार है, इसलिए उनके पास काम ज्यादा है। ऐसे में उनको प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनना चाहिए, क्योंकि इतने काम होने पर वे पूरा समय नहीं दे पाएंगे।
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गुना संसदीय क्षेत्र से हार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी मध्यप्रदेश नहीं आए हैं। उनका दो बार कार्यक्रम भी बना लेकिन बाद में रद्द हो गया। ज्योतिरादित्य सिंधिया को सात और आठ जून को प्रदेश के दौरे पर आना था लेकिन वो भी कैंसिल हो गया है।
गुना संसदीय क्षेत्र से हार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी मध्यप्रदेश नहीं आए हैं। उनका दो बार कार्यक्रम भी बना लेकिन बाद में रद्द हो गया। ज्योतिरादित्य सिंधिया को सात और आठ जून को प्रदेश के दौरे पर आना था लेकिन वो भी कैंसिल हो गया है।
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1957 के बाद से गुना संसदीय क्षेत्र से सिंधिया परिवार का कोई भी उम्मीदवार कभी चुनाव नहीं हारा। लेकिन 2019 में पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी के केपी यादव से चुनाव हार गए। वो भी एक लाख से ज्यादा मतों से। इस हार के बाद ज्योतिरादित्य कभी प्रदेश नहीं आए हैं।
1957 के बाद से गुना संसदीय क्षेत्र से सिंधिया परिवार का कोई भी उम्मीदवार कभी चुनाव नहीं हारा। लेकिन 2019 में पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी के केपी यादव से चुनाव हार गए। वो भी एक लाख से ज्यादा मतों से। इस हार के बाद ज्योतिरादित्य कभी प्रदेश नहीं आए हैं।